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नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी (रिटायर्ड आईएफएस) व कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के कालागढ़ वन प्रभाग के निलंबित तत्कालीन उप वन संरक्षक किशन चंद को राहत देते हुए बुधवार को उनकी गिरफ्तारी पर अगली तिथि तक रोक लगा दी है। साथ ही अदालत ने उन्हें 26 सितंबर को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के भी निर्देश दिए हैं।
किशन चंद्र की याचिका पर वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की पीठ में सुनवाई हुई। अदालत ने जांच अधिकारी को भी अगली तिथि पर जांच की प्रगति रिपोर्ट अहरदालत में पेश करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी। चंद्र पर कॉर्बेट पार्क के कालागढ़ रेंज में तैनाती के दौरान मोरघट्टी व पाखरो में अवैध तरीके से निर्माण कार्य करवाने और पेड़ों का अवैध पातन का आरोप है। राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण (एनसीटीए) व उच्च न्यायालय के आदेश पर की गई प्रारंभिक जांच में भी इसकी पुष्टि हुई है।
सरकार की ओर से चंद्र को कुछ समय पहले निलंबित कर दिया गया था। साथ ही पूरे प्रकरण की जांच सतकर्ता विभाग (विजिलेंस) को सौंप दी। विजिलेंस की ओर से पिछले महीने 8 अगस्त को आरोपी के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम, 1980, भारतीय वन अधिनियम व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जैसी गंभीर धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर जांच की जा रही है। इसी दौरान चंद्र सेवानिवृत्त भी हो गए। याचिकाकर्ता की ओर से विजिलेंस जांच को चुनौती दी गई है।
Admin4
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