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रुद्रप्रयाग: विकासखंड जखोली मे विगत 24 अगस्त को त्यूंखर,लुठियाग/चिरबटिया बुढ़ना,घरड़ा,मखेत सहित इन 6 गांवो मे भारी अतिवृष्टि के चलते दर्जनो परिवारों की कृर्षि भूमि तबाह हो गई थी। यही नहीं इस विनाशकारी आपदा के चलते लोगों के आवासीय भवनों को भी भारी नुक्सान पहुंचा है। सही मायने मे देखा जाए तो इस आपदा के चलते सबसे अधिक नुक्सान लुठियाग मे हुआ है।
भारी जल प्रलय के चलते लुठियाग गांव मे बलदेव सिह पुत्र सूरबीर सिह के आवासीय भवन के आगे का पुस्ता पूर्ण रुप से क्षतिग्रस्त हो चुका है जिस कारण उनका परिवार जीवन और मृत्यु के बीच मे झूलने को मजबूर हो रखा है। वहीं बलदेव सिंह के कहने के अनुसार उस परिवार को राहत के नाम पर अभी तक टेन्ट तो बड़ी दूर की बात है प्रशासन द्वारा एक त्रिपाल तक नही दिया गया।
नागदेई देबी के नवनिर्मित प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाया गए आवास के आंगन का पूरा पुस्ता टूटने से आवास खतरे की जद मे है। राहत के नाम पर मात्र 5100 सौ रूपये का चेक थमाया गया है। ग्राम पंचायत घरड़ा मे बिक्रम पुत्र रुपसा की मकान को भी आपदा की दृष्टि से भारी खतरा पैदा हो गया है जिससे भवन कभी भी जमींदोज हो सकता है। वही आपदाग्रस्त गांवो के आपदा पीड़ितों का कहना है कि प्रशासन को केवल कृषि भूमि को हुए नुक़सान के चेकों को बाटने की लगी है।
लेकिन जिन लोगों के आवासीय भवनों पर खतरे की तलवार लटक रही है उन परिवारों की सुध प्रशासन को बिल्कुल भी नही है आखिर प्रशासन इन पीड़ित परिवारो की खबर कब लेगा। जिन परिवारों के अतिवृष्टि के चलते कृषि भूमि सहित फसल को नुक़सान हुआ है। उन परिवारों को सरकार ने क्षतिपूर्ति के रूप मे 100 से 1200रू के चेक देकर सन्तुष्ट कर दिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि आपदाग्रस्त गांवो मे प्रशासन की टीम के द्वारा सही तरीके से मौके का मुआयना नहीं किया गया जिस कारण से वो लोग मुआवजा लेने से बंचित रह गए हैं। लुठियाग गांव के उपप्रधान त्रिलोक सिंह कैन्तूरा, पूर्व उपप्रधान रुप सिंह कैन्तूरा, सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कैन्तूरा, सम्पूर्ण सिंह कैन्तूरा आदि लोगो ने प्रशासन से पुनः जांच की मांग कर वंचित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।
Rani Sahu
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