कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। उबेदुर्रहमान ने इस मामले में लिप्त विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
जिंदा पति का मृत्यु प्रमाणपत्र दिखाकर एक महिला ने अपनी विधवा पेंशन बनवा ली। यह महिला पिछले नौ वर्षों से पेंशन ले रही है। एक युवक की शिकायत पर पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर महिला और उसकी पुत्री के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस प्रकरण में विभागीय कर्मियों की संलिप्तता होने की चर्चा है।
काजीबाग निवासी उबेदुर्रहमान अंसारी ने अपने अधिवक्ता मो. अलीम के माध्यम से अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थनापत्र देकर कहा है कि मोहल्ला कटोराताल निवासी खैरुलनिशा व अंजुम इकबाल कटोराताल की रहने वाली हैं। आरोप है कि पेंशन पाने के लिए उसने खुद को विधवा दर्शाकर पेंशन का फॉर्म भरा।
आरोप है कि उसकी पुत्री अंजुम इकबाल कंप्यूटर की अच्छी जानकार है। खैरुलनिशा ने अपनी पुत्री अंजुम के साथ मिलकर अपने पति इकबाल का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र तैयार कर लिया और विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ कर वर्ष 2013 से अपनी पेंशन स्वीकृत करा ली जबकि उसका पति इकबाल आज भी जीवित है। वह कबाड़ का काम करता है।
खैरुलनिशा वर्ष 2013 से विधवा पेंशन (संख्या वीपी/ केएसपी/ 00030) ले रही है। 17 जुलाई 2018 को उसने फिर से अपनी पेंशन का सत्यापन करा लिया। इस संबंध में उसके जिला प्रोवेशन अधिकारी से शिकायत की। उन्होंने भी जांच में मामला सही पाया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। उबेदुर्रहमान ने खैरुलनिशा और उसकी बेटी पर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर सरकारी धन हड़पने का आरोप लगाया है। प्रार्थनापत्र पर सुनवाई कर कोर्ट ने आरोपी मां-बेटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।