पोते की ममता में एक दादी ने आपा खो दिया। नवजात पोते का चेहरा देखने के लिए दादी ने अस्पताल के बाहर हंगामा खड़ा कर दिया। पत्थर मारकर डायग्नोस्टिक सेंटर का शीशा तोड़ दिया, सड़क जाम कर दी और जब पुलिस समझाने पहुंची तो उसे भी गालियां सुननी पड़ीं। करीब डेढ़ घंटे चले तमाशे के बाद पुलिस महिला को काबू कर सकी।
हुआ यूं कि हीरानगर नहर कवरिंग रोड स्थित वातसल्य अस्पताल में एक बच्चे का जन्म हुआ, लेकिन परिवार के लोगों ने ये बात बच्चे की दादी से छिपा ली। हालांकि जैसे ही दादी को पोते के पैदा होने की खबर मिली तो वह घर से भागकर अस्पताल पहुंच गई, लेकिन उसे बच्चे से नहीं मिलने दिया गय, जिस पर वह अपना आपा खो बैठी। उसने सड़क पर तमाशा खड़ा दिया।
महिला ने पत्थर मारकर चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर का कांच का दरवाजा तोड़ दिया। लोगों ने रोका तो उन पर भी पत्थर फेंका और फिर बीच सड़क लेट कर यातायात बाधित कर दिया। सूचना पाकर हीरानगर चौकी पुलिस मौके पर पहुंच गई, लेकिन दो सिपाही उसे काबू नहीं कर सके। उल्टा महिला ने पुलिस कर्मियों को गाली देनी शुरू कर दी। करीब डेढ़ घंटे चले हंगामे के बाद कुछ और महिला पुलिस कर्मी मौके पर पहुंची, तब जाकर उसे काबू किया गया। पुलिस ने बताया कि महिला मानसिक रूप से कमजोर थी, जिसे उसके घर पहुंचा दिया गया है।
खुद को मारे थप्पड़, पति से बोली- डंडा मत मारना
हल्द्वानी। पूरे हंगामे के दौरान महिला को उसका पति भी काबू करने की कोशिश कर रहा था। पति के हाथ में डंडा था और कई बार रोकने के लिए पति ने डंडा मारने की धमकी भी दी। जिस पर महिला चुपके से उसे डंडा न मारने के लिए भी कहती सुनाई दी। हालांकि बाद में उसने खुद को थप्पड़ जड़ने शुरू कर दिए। महिला कह रही थी कि जब तक उसे पोते का चेहरा नहीं दिखाते, वह सड़क से नहीं हटेगी।
न्यूज़क्रेडिट: अमृतविचार