उत्तराखंड

उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा को लेकर सरकार अलर्ट, सीएम धामी ने अधिकारियों को दिए निर्देश

Deepa Sahu
7 July 2022 7:01 PM GMT
उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा को लेकर सरकार अलर्ट, सीएम धामी ने अधिकारियों को दिए निर्देश
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उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मॉनसून सीजन की आपदा की संभावनाओं को देखते हुए अधिकारियों के साथ हल्द्वानी में बैठक की. इसमें सीएम पुष्कर धामी (CM Pushkar Dhami) ने कहा कि आपदा हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि आपदा के समय में जनता को जल्द राहत मिले, सहायता मिले और सभी ज़रुरी चीज़ें उन तक पहुंचाई जाएं. सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि दवाइयां, राशन, सड़क, दूर संचार और बिजली की कनेक्टिविटी हर जगह बनी रहे.


वहीं इससे पहले उत्तराखंड सरकार मॉनसून सीजन में प्राकृतिक आपदाओं के चलते राहत और बचाव अभियान में किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक लगा चुकी है. राज्य के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू की तरफ से जारी एक आदेश के अनुसार, मानसून अवधि में अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से कुछ जिले अत्यधिक प्रभावित होते हैं, जिससे प्रदेश में जन जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है.


मानसून सीजन में छुट्टी पर रोक
सभी विभागों के प्रमुखों तथा जिलाधिकारियों को जारी इस आदेश में कहा गया है कि कुछ अधिकारी और कर्मचारी अपने उच्चाधिकारियों से लंबे समय तक की छुट्टी स्वीकृत करा लेते हैं, जिससे आपदा की स्थिति में बचाव और राहत कार्यों में परेशानी आती है. संधू ने कहा कि मानसून अवधि यानि 30 सितंबर तक इमरजेंसी को छोड़कर अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी स्वीकृत न किया जाए. साथ ही छुट्टी स्वीकृत किए जाने की दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि उस अधिकारी या कर्मचारी के स्थान पर किसी अन्य की तैनाती हो.

प्रकृतिक आपदा में होता है भारी नुकसान
पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बैठक कर अगले तीन महीने को आपदा की दृष्टि से प्रदेश के लिए अति महत्वपूर्ण बताते हुए निर्देश दिए थे कि इस अवधि में अधिकारियों और कर्मचारियों को अपरिहार्य कारणों के अलावा छुट्टी न दी जाए. बता दें कि हर साल खासतौर पर मानसून के दौरान उत्तराखंड को प्राकृतिक आपदाओं से जान-माल का भारी नुकसान झेलना पड़ता है. जून 2013 में केदारनाथ में आई जल प्रलय के दर्दनाक मंजर को लोग भूल भी न पाए थे कि पिछले साल ऋषिगंगा में आई बाढ़़ ने एक बार फिर उत्तराखंड को हिलाकर रख दिया.


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