उत्तराखंड

गंगा का जलस्तर, कई गांव में बाढ़ का खतरा, प्रशासन अलर्ट

Admin4
1 Aug 2022 9:51 AM GMT
गंगा का जलस्तर, कई गांव में बाढ़ का खतरा, प्रशासन अलर्ट
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न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला

धर्मनगरी हरिद्वार से निकलकर विभिन्न गांवों से होकर गुजर रही गंगा जीवनदायिनी के साथ ही रौद्र रूप भी ले लेती है। सामान्य दिनों में 290 मीटर के आसपास गंगा का जलस्तर रहता है लेकिन पहाड़ों पर होने वाली बरसात से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो जाती है।

पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचने से प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। इससे निचले गांवों के किसानों के खेतों में पानी भी घुस गया। उधर, एक अगस्त से दो दिन के भारी बारिश के अलर्ट से जनपद के बाढ़ संभावित 97 गांवों के ग्रामीण सहमे हुए हैं। उन्हें बाढ़ के भय से अपनी फसलों और अपनी चिंता सता रही है।

धर्मनगरी हरिद्वार से निकलकर विभिन्न गांवों से होकर गुजर रही गंगा जीवनदायिनी के साथ ही रौद्र रूप भी ले लेती है। सामान्य दिनों में 290 मीटर के आसपास गंगा का जलस्तर रहता है लेकिन पहाड़ों पर होने वाली बरसात से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो जाती है। यही कारण है कि पिछले कई दिन से पहाड़ों पर बरसात होने से जलस्तर में वृद्धि हो रही है। रविवार को एक बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के 293 मीटर पर पहुंच गया। इससे भोगपुर क्षेत्र के कई गांवों में किसानों के खेतों में खड़ी फसलों में पानी घुस गया। सोमवार को भी गंगा का जलस्तर 292.50 मीटर पर बना हुआ है। जबकि गंगा का वार्निंग लेवल 293 मीटर है वहीं, डेंजर लेवल 294 मीटर है।

गंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचने से प्रशासन भी अलर्ट हो गया। एक और दो अगस्त को जिले में भारी से भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन की ओर से बाढ़ राहत चौकियां और अन्य कर्मचारियों को 24 घंटे के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। उधर, जनपद के गंगा और उसकी सहायक नदियों के तटीय इलाकों पर बसे 97 गांवों के लोगों की चिंता बढ़ने लगी है। उन्हें मेहनत से तैयार की गई फसलों के नष्ट होने और गांवों में पानी घुसने की फ्रिक सताने लगी है।

शहर का ड्रेनेज सिस्टम फेल, बढ़ेेगी लोगों की परेशानी

गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही दो दिन की बारिश से शहर के लोगों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। बारिश के कारण शहर जलमग्न हो जाता है। इससे शहर के लोगों को भारी जलभराव का सामना करना पड़ता है। शहर का ड्रेनेज सिस्टम फेल होने से दो दिन की भारी बरसात से शहर के लोगों की परेशानी और अधिक बढ़ सकती है।

शहर में इन इलाकों में होता है जलभराव

शहर के व्यस्ततम चौराहा भगत सिंह चौक, चंद्राचार्य चौक, कनखल के लाटोवाली, कृष्णानगर, ज्वालापुर के चौहानान, पुरानी अनाज मंडी, चौक बाजार, कटहरा बाजार, गुरुद्वारा रोड, पीठ बाजार, रेलवे अंडरपास ज्वालापुर सहित कई इलाकों में बारिश से जलभराव के कारण भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।

नहीं रोका कटाव, बढ़ा खतरा

क्षेत्र के दूधला दयालवाला गांव गंगा किनारे बसा के कारण बरसात के दिनों में गंगा के उफान के चलते खतरा बना रहता है। गांव के कटाव को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे बरसात के दिनों में गंगा के बढ़ते जलस्तर से फसलों को नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है। हर वर्ष गंगा का पानी गांव की तरफ हो जाता है। इससे फसलें जलमग्न हो जाती हैं और किसानों को आर्थिक हानि सहनी पड़ती है।

पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है। इसको देखते हुए लगातार गंगा के जल स्तर की निगरानी की जा रही है इसकी रिपोर्ट भी लगातार दी जा रही है।

- शिवकुमार कौशिक, एसडीओ, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग

गंगा के बढ़े हुए जलस्तर को देखते हुए 24 घंटे के लिए बाढ़ राहत चौकियों पर कर्मचारी तैनात किए गए हैं। राजस्व अधिकारियों को भी ग्रामीणों को गंगा के किनारे नहीं जाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।


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