अल्मोड़ा: अगस्त क्रांति दिवस (august revolution day) अल्मोड़ा में धूमधाम से मनाया गया. इस साल भारत की आजादी का 75वीं वर्षगांठ (75th anniversary of India independence) होने से अगस्त क्रांति का महत्व (Importance of August Revolution) ज्यादा हो गया है. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आजादी की गवाह रही, अल्मोड़ा की ऐतिहासिक जेल को आम लोगों के लिए खोला गया. जहां स्वतंत्रता संग्राम के समय कैद रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद कर अगस्त क्रांति मनाई (August Revolution celebrated by remembering freedom fighters) गई.
यहां पर जनप्रतिनिधियों, स्कूली बच्चों और स्थानीय लोगों ने आजादी के सपूतों को याद कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये. इस मौके पर नगर पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने इस ऐतिहासिक जेल को वर्ष भर खोलने की सरकार मांग की. बता दें कि अल्मोड़ा की ऐतिहासिक जेल (Historical Jail of Almora) 1872 में बनाई गई थी, जिसमें अनेक वीरों को यहां रखा गया था. यह जेल भारत की आजादी के संघर्षों की गवाह रही है.
उत्तराखंड की सबसे पुरानी जेल अल्मोड़ा की जेल है. इस जेल में पंडित नेहरू दो बार रहे हैं. इनके अलावा भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत, खान अब्दुल गफ्फार खां सहित 7 लोग इस जेल में रहे. स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हुई अनेक यादें यहा रखी है. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने मेरी आत्मकथा के कुछ अध्याय इसी जेल में लिखे थे. इस जेल में स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों की अनेक यादें संरक्षित हैं.
यहां स्थित नेहरू वार्ड में उनके खाने के बर्तन, चरखा, दीपक, चारपाई सहित पुस्तकालय भवन, भोजनालय आदि है. अगस्त क्रांति के अवसर पर हर वर्ष 9 अगस्त को इस जेल के नेहरू वार्ड में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस जेल को संरक्षित कर इसे हैरिटेज के रूप में विकसित करने की लंबे समय से मांग भी उठ रही है.