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हल्द्वानी। विदेशी नौकरी का सब्जबाग और हजारों रुपए प्रतिमाह कमाने का लालच देकर पांच युवकों से लाखों की ठगी की गई। युवकों को बहरीन तो भेजा गया, लेकिन वहां नौकरी नहीं मिली। युवकों को वहां बंधक बना लिया गया और फिर उनसे रुपयों की मांग की जाने लगी। किसी तरह युवकों की वेतन वापसी हुई, जिसमें से एक युवक ने सितारगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। अब पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
मूलरूप से पसतोला भीमताल निवासी देवेंद्र सिंह पुत्र दीवान सिंह चोरगलिया में किराए के मकान में रह कर सिडकुल की एक रैकेट कंपनी में 13 हजार रुपए की नौकरी करता था। यहीं नानकमत्ता इस्लामनगर निवासी गुरजिंदर सिंह भी काम करता था। गुरजिंदर का पड़ोसी सिमर सिंह नौकरी दिलाने वाले एजेंट का काम करता है। देवेंद्र के मुताबिक सिमर ने देवेंद्र, हरजिंदर और नरेंद्र को बहरीन के बड़े होटल में वेटर की नौकरी का प्रलोभन दिया और कहा इस काम के लिए हर माह 50 से 60 हजार रुपए मिलेंगे, लेकिन इसके एवज में 3 लाख 80 हजार रुपए देने होंगे। देवेंद्र ने पूरी रकम सिमर को दे दी और बीते वर्ष 5 अक्टूबर को देवेंद्र और नरेंद्र दिल्ली एयरपोर्ट से बहरीन पहुंच गया।
गुरजिंदर पहले ही जा चुका था। जाने से पहले सिमर ने देवेंद्र को बहरीन करेंसी दी और उसे बहरीन में सर को देने को कहा। बहरीन में अशरफ नाम का व्यक्ति एयरपोर्ट से उन्हें किराए के रुम पर ले गया, जहां उनका पासपोर्ट और वीजा जब्त कर लिया गया। आरोप है कि हर हफ्ते उन्हें फर्जी जॉइनिंग लेटर दिया जाता, लेकिन नौकरी नहीं। इस तरह बेरोजगारी में वहां दो महीने गुजर गए। जिसके बाद वहां मौजूद सभी पांच भारतीयों व पाकिस्तानियों से कमरे का किराया, खाने का खर्चा मांगा जाने लगा। एक तरह से सभी को बिना नौकरी के वहां बंधक बना लिया गया।
जब देवेंद्र भारत वापस भेजने को कहा तो पैसों की मांग की गई। रिहाई इस शर्त पर हुई जब देवेंद्र एक सादे स्टांप पर दस्तखत किए और वीडियो बना कर दिया कि वह अपनी मर्जी से वापस जा रहे हैं। हालांकि जाने से पहले नरेंद्र ने चुपके से स्टांप चुरा लिए। चोरगलिया थानाध्यक्ष भगवान महर ने बताया कि तहरीर के आधार पर सिमर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। देवेंद्र ने बताया कि बहरीन में अमीर लोग अपने घरों के बाहर फ्रीजर रखते हैं, जिसमें वह बची हुई जूठन गरीबों के लिए रखते थे। महीना गुजर जाने के बाद जब पैसे खत्म हो गए और उनसे किराया व खाने के पैसों की मांग की जाने लगी, तब उन्होंने जूठन खाकर दिन गुजारे। बहरीन में एक दर्जन लोगों को एक ही कमरे में रखा गया था, जिसमें पाकिस्तानी भी थे और सभी को नौकरी का झांसा देकर बहरीन बुलाया गया था।
देवेंद्र के मुताबिक उनके पास घर फोन करने के लिए पैसे नहीं बचे थे। मोबाइल का रिचार्ज भी 10 दीनार यानी दो हजार रुपए में होता था। ऐसे में उसने एक केरल के व्यक्ति से 10 हजार रुपए का ट्रांजेक्शन कराया और अपना वीजा बदलवाया। देवेंद्र की फ्लाइट पांच बजे की थी, लेकिन स्टांप चोरी करने के बाद वह 3 बजे की बस पकड़ कर एयरपोर्ट पहुंच गया। आरोप है कि सिमर लोगों से 40 लाख की ठगी कर चुका है।
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