उत्तराखंड

चारा-पत्ती के गठ्ठर छीने, पुलिस और सीआईएसएफ की महिलाओं से झड़प

Gulabi Jagat
18 July 2022 5:04 AM GMT
चारा-पत्ती के गठ्ठर छीने, पुलिस और सीआईएसएफ की महिलाओं से झड़प
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टीएचडीसी की पीपलकोटी विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के डंपिंग जोन से चारा पत्ती लेकर आ रही
टीएचडीसी की पीपलकोटी विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के डंपिंग जोन से चारा पत्ती लेकर आ रही महिलाओं की पुलिस और सीआईएसएफ की महिला जवानों से तीखी झड़प हुई। पुलिस ने डंपिंग जोन को प्रतिबंधित बताते हुए यहां से चारा पत्ती न लेने को कहा जबकि महिलाओं ने कहा कि यह उनकी चारापत्ती की भूमि है और यहीं से लेकर जाएंगे। जवानों ने चारों महिलाओं से जबरन चारा पत्ती के गठ्ठर छीन लिए।
इसके बाद पुलिस महिलाओं को जबरन वाहन में बिठाकर जोशीमठ थाने लेकर ले आई और चालान करने के बाद उन्हें छोड़ दिया। दरअसल, टीएचडीसी की ओर से हेलंग के पास राजस्व भूमि को डंपिंग जोन बनाया गया है। यहां पर जमीन का समतलीकरण करने के बाद उसमें कई निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं, जिसका हेलंग गांव के कुछ परिवार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह उनकी गौचर और चारा पत्ती की भूमि है।
15 जुलाई को गांव की तीन महिलाएं और एक पुरुष इस जगह से चारा पत्ती लेकर आ रहे थे। हाईवे पर आने पर उन्हें सीआईएसएफ और पुलिस के जवानों ने रोक लिया। जवानों ने चारों को वाहन में बैठने के लिए कहा, जिसके बाद उनमें विवाद हो गया। जवानों ने उनसे जबरन चारा पत्ती के गठ्ठर छीने और उनको जोशीमठ थाने लाया गया, जिसमें मंदोधरी देवी, लीला देवी, संगीता भंडारी और विपिन भंडारी शामिल थे।
250-250 रुपये का चालान कर छोड़ा
महिलाओं का आरोप है कि उनको जबरन छह घंटे तक पुलिस वाहन और थाने में बिठाने के बाद 250-250 रुपये का चालान कर छोड़ा गया। उनका कहना है कि इस जमीन से वह मवेशियों के लिए चारा पत्ती लेकर आते हैं। उन्होंने चारा पत्ती और मवेशियों के चरने के लिए उपयुक्त स्थान चिह्नित करने की मांग की। बता दें कि एक बुजुर्ग महिला के पीठ से चारापत्ती के गठ्ठर को उतारने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद से मामला तूल पकड़ने लगा।
हेलंग में कुछ परिवारों की ओर से सरकारी भूमि पर कब्जा किया गया है। यहां खेल मैदान और अन्य विकास योजनाओं का निर्माण प्रस्तावित है। निर्माण कार्य के दौरान ये महिलाएं चारापत्ती लेने गई थीं। शांति व्यवस्था बनाने के लिए उन्हें वाहन से थाने में लाया गया। उन्हें हिदायत देकर छोड़ दिया गया। - विजय भारती, थानाध्यक्ष, जोशीमठ, चमोली।
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