न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मलारी में सेना के जवानों और स्थानीय जनता के साथ 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम में शामिल होंगे। भाजपा का यह अभियान 15 अगस्त तक चलाया जाएगा। अभियान के लिए गठित सात सदस्यीय समिति 11 अगस्त तक देश भक्ति भावना प्रचारित करने व वातावरण बनाने के लिए तिरंगा यात्रा निकालना, प्रमुख स्थानों में होर्डिंग लगाने का काम करेगी।
जोशीमठ से सात किमी आगे बड़ागांव में 42 वर्ष बाद सितूण मेले का आयोजन किया गया। बड़ागांव में मां दुर्गा मंदिर से भूमियाल देवता का निशाण ढोल दमाऊं के साथ आयोजन स्थल पर लाया गया। सीता माता अखंड महायज्ञ' में सीएम धामी ने भी शिरकत की।
लोक कल्याण के लिए गांव में सीतूण महायज्ञ का आयोजन किया जाता था लेकिन लंबे समय तक किन्हीं कारणों से यह आयोजन बंद था। अब फिर इस मेले के आयोजन की योजना बनाई गई। मेला तीन दिनों तक चलेगा। मेला कमेटी के अध्यक्ष डा. मोहन सिंह रावत ने बताया कि मेले के पहले दिन माता सीता की पूजा अर्चना की गई, साथ ही झुमेलो नृत्य आयोजित किया गया। शाम को जागर और अन्य पौराणिक कार्यक्रम होंगे। इतने वर्ष बाद गांव में होने वाले मेले को लेकर ग्रामीण उत्साहित हैं।
वहीं बुधवार को सीएम धामी ने कार्यक्रम में पहुंचकर भगवान राम और माता सीता का आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चार दशक बाद इस महायज्ञ में भाग लेने का अवसर मिला है। इसके बाद सीमांत गांव मलारी में सेना के जवानों और स्थानीय जनता के साथ 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम में सीएम शामिल होंगे। दोपहर एक सीएम आर्मी हैलीपैड बुरांश, मलारी से देहरादून के लिए प्रस्थान करेंगे।
भाजपा का यह अभियान 15 अगस्त तक चलाया जाएगा। अभियान के लिए गठित सात सदस्यीय समिति 11 अगस्त तक देश भक्ति भावना प्रचारित करने व वातावरण बनाने के लिए तिरंगा यात्रा निकालना, प्रमुख स्थानों में होर्डिंग लगाने का काम करेगी। 13 अगस्त तक 'रघुपति राघव राजाराम, भजन, वंदे मातरम' पूर्ण गीत के साथ प्रभातफेरी निकाली जाएगी।
13 से 15 अगस्त तक 20 लाख से अधिक घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आयोजन शामिल है। समिति सभी सरकारी भवनों, निवास, पुलिस चौकियों तथा सार्वजनिक भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के आयोजन के साथ-साथ आवासीय समिति, युवा संगठनों, साधु संतों के मठों तथा सामाजिक संस्थाओं के कार्यालयों पर ध्वज फहराया जाए इसके लिए संपर्क करेगी। जिला स्तर पर पांच-पांच सदस्यों, मंडल एवं बूथ स्तर पर तीन-तीन सदस्यों की समिति गठित की जाएगी।