कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल ने अपने कार्यकाल में मंदिर समिति के माध्यम से कराए गए विभिन्न कार्यों का भी क्रमवार उल्लेख किया। सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि वह जांच में दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। वह खुद राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बीकेटीसी के सदस्य की ओर से उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच एसआईटी या उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की देखरेख में गठित कमेटी से कराए जाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने सहकारिता, उच्च शिक्षा और चिकित्सा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत पर लगे आरोपों की जांच की मांग भी की।
रविवार सुबह पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उन्हें पत्र सौंपा। उन्होंने बीकेटीसी सदस्य की ओर से लगाए गए आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने एसआईटी या हाईकोर्ट के रिटायर जज से जांच कराने की मांग की।
इससे पूर्व शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में गोदियाल ने कहा कि मंदिर समिति के एक वर्तमान सदस्य की ओर से वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य उनकी अध्यक्षता वाली मंदिर समिति पर विभिन्न अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों की शिकायत विभागीय मंत्री से नहीं कर कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत से कर जांच की मांग की गई है। मंत्री की ओर से जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं, जिसका वह स्वागत करते हैं।
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कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल ने अपने कार्यकाल में मंदिर समिति के माध्यम से कराए गए विभिन्न कार्यों का भी क्रमवार उल्लेख किया। सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि वह जांच में दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। वह खुद राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान वह समिति में अकेले विपक्षी पार्टी से थे, जबकि बाकि सारे सदस्य भाजपा के थे।