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काशीपुर, उत्तराखंड में 2025 से चार धाम यात्रियों को रेल सेवा का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इसके अतिरिक्त चार धाम यात्रियों को रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए चार धाम एफएलएस कार्य के तहत उत्तराखंड के पहाड़ों में 4 अन्य रेल लाइनों का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने रेल मंत्रालय से उत्तराखंड की नई रेल लाइनों केसंबंध में सूचनाएं मांगी थी। रेल विकास निगम लि. के मुख्य परियोजना प्रबंधक कार्यालय ऋषिकेश के लोक सूचना अधिकारी ने इस संबंध में सूचना उपलब्ध कराते हुए बताया है कि रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा उत्तराखंड में 126 किमी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल लाइन का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त चार धाम एफएलएस कार्य के तहत (गंगोत्री-यमुनोत्री) 122 किमी. डोईवाला-उत्तरकाशी-बड़कोट, (केदारनाथ-बद्रीनाथ) कर्ण प्रयाग-साईकोट, सोन प्रयाग, 91 किमी., साईकोर्ट-जोशीमठ 86 किमी. साईकोट से पीपल कोटी 21 किमी. अंतिम स्थान निर्धारण सर्वे कार्य पूर्ण किया गया है। विस्तृत रिपोर्ट भारत सरकार को भेज दी गयी है। रेल विकास निगम द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नौ पैकेज में विभाजित किया गया है।
परियोजना पूर्ण होने की तिथि 31 दिसंबर 2024 है। इस रेल लाइन के प्रगति विवरण के अनुसार सूचना उपलब्ध कराने के तिथि तक कुल रेल लाइन की लंबाई 125.172 किमी. में से 5.770 किमी. का कार्य पूर्ण हो चुका है। 7 एडिट्स में से भी सभी 7 तथा 10 शाफ्ट में से 01 शाफ्ट का कार्य पूर्ण हो चुका है। मुख्य सुरंगों की 104 किमी. लम्बाई में से 24 किमी. का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि इस्केप सुरंगों की कुल लंबाई 97.7 किमी. में से 26 किमी. का कार्य पूरा हो चुका है।
अमृत विचार।
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