फिल्मकार लीना मणिमेकलई की फिल्म काली के पोस्टर को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है और इस पोस्टर से धार्मिक भावनाएं आहत होने के आरोप लग रहे हैं. हरिद्वार में एक हिंदू संगठन ने फिल्म से जुड़े कलाकारों के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज करवाया है, वहीं निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा का एक भड़काऊ बयान सामने आया है, जिसमे वह ऐसी फिल्में बनाने वालों का सिर काटने वाले को 20 लाख रुपये देने का दावा करते दिख रहे हैं.
हिंदू धर्म को बदनाम करने वाली फिल्मों और वेब सीरीज़ के निर्माताओं की गर्दन काटकर लाने वाले को 20 लाख के इनाम की घोषणा करते दिख रहे मिर्ची बाबा इस वीडियो में हिंदू धर्म के खिलाफ एक साज़िश की आशंका जता रहे हैं. वीडियो में बाबा ने हिंदू धर्म के खिलाफ बन रही फिल्मों और वेब सीरीज़ों पर जमकर बरसते हुए कहा कि हिंदू धर्म को बदनाम करने की इस साज़िश के पीछे कोई अंतर्राष्ट्रीय लिंक है. लेकिन धर्मप्रेमी इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.
बाबा ने आगे कहा कि काली फिल्म बनाने वाले हों या इस तरह की फिल्में बनाने वाले, अगर कोई इन लोगों का सिर कलम करके लाएगा, तो वह उसे अखाड़े की तरफ से 20 लाख रुपये का इनाम देंगे. बाबा ने काली के साथ ही पिछले दिनों बनी वेब सीरीज़ 'आश्रम' पर भी आपत्ति जताते हुए ऐसी फिल्मों को हिंदू धर्म और भावनाओं पर कुठाराघात बताया.
मिर्ची बाबा के बयान से अखाड़े ने पल्ला झाड़ा
असल में मिर्ची बाबा का आश्रम मध्य प्रदेश के भोपाल में है. हालांकि जिस पंचायती निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर मिर्ची बाबा हैं, उसका हरिद्वार से सीधा संबंध है. यहां स्थित निरंजनी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख रविंद्र पुरी ने उनके बयान से पल्ला झाड़ते हुए इसे मिर्ची बाबा का निजी बयान बताया और कहा कि ऐसे बयानों से अखाड़े का कोई लेना देना नहीं है.
निर्माताओं पर दर्ज हुआ केस
हरिद्वार में काली को लेकर विवाद इसलिए भी सुर्खियों में है क्योंकि यहां कनखल थाने में धार्मिक भावनाएं आहत किए जाने के आरोप में एक मुकदमा दर्ज करवाया गया है. हिंदू युवा वाहिनी की शिकायत पर इस फिल्म की निर्माता लीना मणिमेकलई समेत फिल्म से जुड़े 11 कलाकारों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है.