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उत्तराखण्ड न्यूज
उत्तराखण्ड के तीन बच्चो को अपनी बहादुरी और हौंसले से लोगों को हैरत में डाल देने वाले कार्य को लेकर बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन ICCW ने वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया है। जिसमे दो बच्चे कुमाऊँ के हैं वही एक बहादुर बच्चा गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले से हैं।
जानकारी अनुसार, बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन ICCW ने 17 राज्यों के 56 बहादुर बच्चों को वीरता पुरस्कार से नवाजा है। जिनमें से एक पुरस्कार उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिले के 16 वर्षीय नितिन सिंह को मिला है। जिन्होंने 2022 में एक तेंदुए से जूझकर अपनी उत्कृष्ट बहादुरी का प्रदर्शन किया था। इसके साथ ही उन्हें मार्कंडेय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
वहीं इन बच्चों में से एक सनी है। जिसने 9 अगस्त 2020 को उफनती कोसी नदी में डूब रहे अपने से उगानी उम्र के युवक को बचाया था। तीसरा बच्चा पिथौरागढ़ निवासी 18 वर्षीय मोहित चन्द्र उप्रेती है। जिस को मार्कडेय पुरुस्कार 2020 दिया गया, उप्रेती ने एक तेंदुए से लड़ते हुए अपने दोस्त की जान बचाई थी।
आपको बता दें, ICCW बाल अधिकारों के लिए काम करती है। ICCW द्वारा 'बहादुरी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार' उन बच्चों को उचित पहचान देने के लिए शुरू किया गया था, जो बहादुरी और सराहनीय सेवा के उत्कृष्ट कार्य करके खुद को अलग पहचान देते हैं और अन्य बच्चों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन जाते हैं।
भारत के पहले प्रधानमंत्री ने 1957 में दो बच्चों- एक लड़का और एक लड़की को इस तरह के पुरस्कार से पुरस्कृत किया था। इसके बाद से आईसीसीडब्ल्यू हर साल बहादुरी का प्रदर्शन करने वाले बच्चों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है।
Gulabi Jagat
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