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उत्तर प्रदेश
योगी आदित्यनाथ ने स्वामित्व योजना के तहत 11 लाख ग्रामीणों को दिलाए आवास के मालिकाना हक, घरौनी प्रमाणपत्र भी सौंपा
Ritisha Jaiswal
25 Jun 2022 11:17 AM GMT
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को स्वामित्व योजना के तहत 11 लाख ग्रामीणों को डिजिटल माध्यम से उनके आवास का मालिकाना हक दिलाने वाला ग्रामीण आवासीय अभिलेख यानी घरौनी प्रमाणपत्र सौंपा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को स्वामित्व योजना के तहत 11 लाख ग्रामीणों को डिजिटल माध्यम से उनके आवास का मालिकाना हक दिलाने वाला ग्रामीण आवासीय अभिलेख यानी घरौनी प्रमाणपत्र सौंपा।मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अब गड़बड़ करके या एक ही जमीन कई लोगों को बेचने वालों की खैर नहीं। जमीन के दस्तावेज होने से अब बैंक लोन भी आसानी से मिल सकेगा। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राजस्व विभाग और स्टांप रजिस्ट्रेशन विभाग को मिलकर यह देखना चाहिए कि जो व्यक्ति जमीन बेच रहा है यह जमीन उसके नाम है भी या नहीं।
अगर उसके नाम जमीन नहीं है तो ऐसे लोगों को तत्काल पुलिस को सौंप देना चाहिए ताकि पुलिस उन्हें 'उपहार' दे सके। मुख्यमंत्री योगी स्वामित्व योजना के तहत घरौनी वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
इस कार्यक्रम में 11 लाख से अधिक ग्रामीण लोगों को आवासीय अभिलेख उपलब्ध कराए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि खतौनी में नामांतरण के लिए 6 साल का इंतजार नहीं करना चाहिए बल्कि अगर कोई व्यक्ति जमीन बेचता है तो तत्काल खतौनी में नामांतरण करने की व्यवस्था हमें लागू करनी होगी ताकि प्रदेश की कानून व्यवस्था बेहतर स्थिति में रह सके। ये सभी कार्यक्रम हमें निश्चित समय सीमा के भीतर पूरे करने होंगे।
घरौनी प्रमाणपत्र मिलने से ग्रामीणों को बैंकों से लोन प्राप्त करना आसान हो जाएगा। अन्य आवश्यक सेवाओं को हासिल करने में भी घरौनी के दस्तावेज उनके काम आ सकेंगे। राज्य सरकार स्वामित्व योजना के तहत सभी 75 जिलों में घरौनियां तैयार किए जाने का काम बड़ी तेजी से कर रही है।
अभिलेखों को तैयार करने के लिए 1,10,313 ग्रामों को चिह्नित किया गया है। स्वामित्व योजना के तहत 20 जून तक प्रदेश के कुल 68641 ग्रामों में ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। 23287 ग्रामों में कुल 3428305 घरौनियां तैयार हो चुकी हैं।
योजना के तहत ग्रामीण आवासीय अभिलेखों का निर्माण हो जाने पर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति संबंधी विवाद काफी कम हो जाएंगे। स्वामित्व का अभिलेख बन जाने पर न्यायालय में चल रहे विवादों का निस्तारण जल्द होगा।
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