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लखनऊ। सरोजनीनगर स्थित प्राथमिक विद्यालय अलीनगर खुर्द में महिला अभिभावकों ने शनिवार एकत्र होकर नए वर्ष में अपने बच्चों और पड़ोसियों को नशे से दूर रखने के लिए बैठक की। महिलाओं ने कहा कि गांव में बढ़ते अफीम स्मैक ,बीड़ी और दारू के व्यापार से बहुत ही परेशान हैं। आए दिन इन महिलाओं को अपने घरों में लड़ाई झगड़े मारपीट,पड़ोस में चीखने और चिल्लाने की आवाज सुनाई देना आम बात है। महिलाओं का कहना है कि ज्यादातर पुरुष मजदूरी या सब्जी बेचते हैं और शाम को जब घर आते हैं तो दिहाड़ी में से आधी की शराब पी लेते हैं।
किसी बड़े नशे में खर्च कर देते हैं जो झगड़े का कारण बनती है। कई बार तो बच्चों को फटे कपड़े और फटे स्कूल ड्रेस में कई महीने तक रहना पड़ता है,नई ड्रेस दिलाना तो दूर की कौड़ी है एक जोड़ी चप्पल मिलना भी बहुत बड़ी बात है। कक्षा पांच पास होने के बाद बच्चों को गांव के बाहर पढ़ाई के लिए जाना होता है। महिलाओं ने निर्णय लिया कि 31 दिसंबर की शाम को अपने गांव, अपने मोहल्ले में मशाल जुलूस लेकर नशे के अंधकार को दूर भगाने के लिए और नए वर्ष के स्वागत के लिए समूह में पैदल मार्च निकाले। शिक्षिका रीना त्रिपाठी ने कहा कि आइए मिल कर नशा मुक्त अभियान को आगे बढ़ाए,बहन बेटियों को अत्याचार से बचाए, घर-घर नशा न करने की अलख जगाये। नए वर्ष पर स्वागत पार्टियों में नशे का बहिस्कार करके करें।
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