उत्तर प्रदेश

जब धरने की मंजूरी न मिलने पर हाथ में तख्ती लेकर खड़े हो गए आजम खान के बेटे अब्‍दुल्‍लाह

Shantanu Roy
30 Aug 2022 10:00 AM GMT
जब धरने की मंजूरी न मिलने पर हाथ में तख्ती लेकर खड़े हो गए आजम खान के बेटे अब्‍दुल्‍लाह
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रामपुर। यूपी में लगातार चर्चा का विषय बने हुए आजम खान पर दर्ज हो रहे केस थमने का नाम ही नहीं ले रहे है। इसी बीच आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम इन सभी मुकदमों के लेकर मैदान में उतर चुके है। इसी कड़ी 28 अगस्त को अब्दुल्लाह आजम हाथों में तख्तियां लेकर गांधी समाधि स्थल पहुंच गए। दरअसल पिछले दिनों सपा प्रमुख आजम खान पर गवाहों को धमकाने के आरोप में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए। इसी बात को लेकर पार्टी के लोगों ने जिला प्रशासन से 27 अगस्त से रामपुर के अंबेडकर पार्क में धरना-प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इस से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद प्रशासन इतने पर ही नहीं रूका, बल्कि धारा 144 भी लगा दी। इसी के चलते रामपुर सीट के विधायक अब्दुल्लाह आजम, जिला प्रशासन के रवैये का विरोध करने के लिए गांधी समाधि स्थल पहुंच गए। जहां उनके साथ
रामपुर की विधानसभा चमरौआ के विधायक नासिर अहमद खान और जिला अध्यक्ष समाजवादी वीरेंद्र गोयल और लोकसभा पूर्व प्रत्याशी आसिम राजा भी मौजूद रहे। इसी दौरान सपा नेताओं के हाथों में तख्तियां थीं। जिन पर लिखा हुआ था कि 27 अगस्त के धरने को रोकने के लिए जनपद रामपुर में धारा 144 लागू करना लोकतंत्र और संविधान पर कुठाराघात है। जिसकी हम घोर निंदा करते हैं। तख्तियों के नीचे लिखा है- समाजवादी पार्टी रामपुर। इतना ही नहीं सपा विधायक अब्दुल्लाह आजम ने कहा कि रामपुर के लोगों पर हो रही प्रशासन की ज्याददियों को लेकर हमने प्रदर्शन करने को लेकर एक हफ्ते पहले अनुमति मांगी थी, लेकिन धारा 144 लगाकर प्रशासन जम्हूरियत की आवाज को दबाया है।
सपा प्रमुख के बेटे अब्दुल्लाह आजम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस तरह से रामपुर में भैंस चोरी, बकरी चोरी, मुर्गी चोरी के मुकदमे हुए। जिसके चलते रामपुर वालों को आज भी जिला बदर किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि जिनके घरों में बीमार मां-बहनें हैं, पुलिस उनके घरों में रात में घुस रही है। बिजली के नाम पर लोगों को प्रताड़ित और लूटा जा रहा है। इन सब मुद्दों के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने एक हफ्ते के लिए धरने-प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, लेकिन वो परमिशन नहीं दी गई,बल्कि धारा 144 लगा दी गई। उन्होंने विधानसभा के पांचों लोगों को संबोधन करते हुए कहा कि क्या रामपुर में पांचों विधानसभा के लोग शहरी नहीं हैं। वो अपनी आवाज नहीं उठा सकते। क्या वो गुलाम हिंदुस्तान में हैं या आजाद हिंदुस्तान में। उन्होंने कहा कि रामपुर में मुकदमा कोई चीज नहीं है, बल्कि एक तमाशा है। यहां भैंस चोरी, मुर्गी चोरी, बकरी चोरी कुछ भी लिखा जा सकता है।
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