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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
कासगंज जिले में बाढ़ के हालात बनने से तटवर्ती इलाकों के खेतों और 40 गांवों की आबादी बाढ़ के पानी से घिर गई है। गांव की सड़कों पर जलजमाव हो गया है। बाढ़ का पानी भर जाने के कारण प्रभावित इलाकों में काफी परेशानी बढ़ी है। लोगों का पूरा दिन बाढ़ के पानी से बचाव करने में ही निकल गया। गंगा के जलस्तर में मंगलवार को 15 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। सोरोंजी के लहरा, डिंगलेस नगर इलाके के आबादी तक बाढ़ के पानी की दस्तक हो गई। इसी तरह उढ़ेर, दतलाना, मानपुर नगरिया के खेतों में पानी भर गया है। उधर, पटियाली तहसील का गांव बरौना इस समय बाढ़ के पानी से टापू बना हुआ है। गांव तीन ओर से गंगा की धारा से घिरा है। गांव के 200 घरों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। लोगों ने रात में ही अपने घरों के बाहर से सामान को हटाया और सुरक्षित स्थानों पर ठिकाना बनाया है।
गंगा के जलस्तर में सोमवार को 80 सेंटीमीटर वृद्धि हुई थी। इसके बाद ही जलस्तर में शाम के समय से वृद्धि होने लगी। आधी रात के बाद तटवर्ती इलाकों में गंगा का पानी पहुंचने लगा। सुबह के समय जब गांव में किसान सो कर उठे तो बाढ़ का पानी गांव में भरा देखा। लोग पानी और बढ़ने की आशंका को देखते हुए बचाव के कार्यों में जुट गए।
नरौरा बैराज से सुबह आठ बजे मीडियम फ्लड लेविल का डिस्चार्ज था। इस सीजन का यह सबसे अधिक डिस्चार्ज था। जिसने डेढ़ लाख क्यूसेक के आंकड़े को पार कर दिया। सुबह का यह डिस्चार्ज शाम से जिले में आना शुरू हो गया। उढ़ेर बांध पर भी पानी का दबाव बढ़ता रहा। शहबाजपुर इलाके में भी गंगा का पानी काफी बढ़ गया। आबादी के पास तक यहां पानी की दस्तक है।
बमनपुरा, किलौनी, किसौल, नगलाढाव के इलाकों में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है। पटियाली क्षेत्र के घबरा, गजौरा व आसपास के इलाकों में चार-चार फीट तक पानी भरा है। सबसे ज्यादा बुरी स्थिति बरौना गांव में है। पांच हजार आबादी वाला यह गांव तीन तरफ से गंगा की धारा से घिरा हुआ है। गांव में चार सौ मकान हैं, जिनमें 200 मकानों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है।
40 गांवों के खेतों में भरा पानी
जिले में बाढ़ से 40 गांव प्रभावित हैं। ज्यादातर गांव के खेतों में पानी भर चुका है। इनमें लहरा, दतलाना, उढ़ेर, खड़ेरी, अजीतनगर, बमनपुरा, बरौना, गजौरा, घबरा, रफातपुर, सिंकदरपुर ढाव, सुन्नगढ़ी, चकरा, किलौनी, किसौल, नागर खिदरपुर, उलाईखेड़ा, शहबाजपुर, नगला हंशी, नगला जाटवान, पनसोती, म्यूनी, मेहोल, कादरगंज, बमनपुरा, हिम्मतनगर बझेरा, नगला मुंता, टिकुरीनगला, गठौरा, जिझौल, नगला खुर्द, नगला खिमाई, नगला मनी आदि गांव हैं।
जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने मंगलवार को बाढ़ नियंत्रण कक्ष और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बाढ़ के संबंध में रिपोर्ट ली। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन इलाकों में ज्यादा पानी भरा है, वहां के लोगों को बाढ़ राहत चौकियों पर पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि बरौना में कटान और गंगा के उफान को देखते हुए पीएसी की फ्लड यूनिट तैनात है।