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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: बवाल के आरोपी मुख्तार बाबा का कारनामा, शत्रु संपत्तियों की अवैध कमाई से खड़ा किया कारोबार
Kajal Dubey
17 July 2022 5:40 PM GMT
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कानपुर नई सड़क बवाल के आरोपी मुख्तार बाबा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर शत्रु संपत्तियों की अवैध कमाई के बल पर कानपुर सहित प्रदेश के दूसरे शहरों व दूसरे राज्यों में बड़ा कारोबार खड़ा कर लिया। लगातार चल रही जांच में यह बात सामने आई है कि मुख्तार ने पाक नागरिकों की महानगर में जमीनों (शत्र संपत्तियों) को फर्जी तरीके से बेचकर इसके पैसे से कोलकाता में चमड़े का बड़ा कारोबार खड़ा कर लिया।
इतना ही नहीं उत्तराखंड के नैनीताल और इसके आसपास भी रीयल स्टेट में भी मुख्तार का पैसा लगे होने की बात सामने आई है। महानगर में कुल 89 संपत्तियां ऐसी हैं, जिनके मालिक पाकिस्तान में रहते हैं। इसमें से करीब 13 संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित किया जा चुका है। बाकी को लेकर प्रक्रिया चल रही है। बताया जाता है कि ऐसी 50 से अधिक संपत्तियों में मुख्तार बाबा का सीधे दखल है। ऐसी संपत्तियों को फर्जी कागजात लगाकर और मिली भगत करके उसे दूसरे को महंगे दामों पर बेच दिया।
बताया जा रहा है कि इन संपत्तियों से जो धन मिला उसका एक हिस्सा उसने हवाला के जरिए पाकिस्तान में रहने वाले संपत्ति के मालिकों तक पहुंचाया, बाकी से अपना कारोबार खड़ा किया। जांच में यह भी बात सामने आई है कि आज से करीब 22 साल पहले शत्रु संपत्तियों के फर्जी खरीद फरोख्त के जरिए मुख्तार ने पहले होटल, रेस्टोरेंट उसके बाद जमीन खरीदने बेचने फिर चमड़े के कारोबार में पैसा लगाया।
शत्रु संपत्ति: जवाब न देने वालों पर एक तरफा होगी कार्रवाई
कंघी मोहाल, राम जानकी मंदिर और दारुल मौला की संपत्तियों के शत्रु संपत्ति होने को लेकर जिला प्रशासन अगले हफ्ते तक फैसला ले लेगा। प्रशासन ने तय किया है कि मौका दिए जाने के बावजूद जवाब न देने वाले 17 कब्जेधारकों के मामले में अब एकतरफा कार्रवाई होगी।
इन सभी मामलों में प्रशासन के पास मौजूद पत्रावलियों के तथ्यों के आधार पर फैसला लिया जाएगा। वहीं, जिन 15 लोगों ने खुद को इन संपत्तियों का मालिक बताते हुए पाकिस्तानी नागरिक आमना खातून के भतीजे आबिद रहमान से कराई गई रजिस्ट्री पेश की थी। प्रशासन ने शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक कार्यालय से यह जानकारी मांगी है कि आमना खातून और आबिद रहमान कब से पाक नागरिक हैं और कब से उनकी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति माना जाएगा।
अगर रजिस्ट्रियां पाक नागरिक माने जाने की तारीख के आसपास या बाद की हुई तो सभी रजिस्ट्री निरस्त कर तीनों ही संपत्तियां शत्रु संपत्ति घोषित हो जाएंगी। एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि चार से पांच दिन में सभी पत्रावलियों व कब्जाधारकों के जवाबों का अध्ययन कर फैसला कर दिया जाएगा।
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