उत्तर प्रदेश

उत्तर-प्रदेश: गोरखपुर में 43 लाख गबन के मामले में एसडीओ, लेखाकार भी दोषी

Kajal Dubey
22 Jun 2022 9:45 AM GMT
उत्तर-प्रदेश: गोरखपुर में 43 लाख गबन के मामले में एसडीओ, लेखाकार भी दोषी
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काम में लापरवाही का दोषी पाए जाने पर बिजली निगम के मुख्य अभियंता ने मोहद्दीपुर खंड के लेखाकार बैजनाथ और तत्कालीन सहायक अभियंता (राजस्व) मुकेश गुप्ता के खिलाफ एमडी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।
आरोप है कि मोहद्दीपुर खंड में हुए 43 लाख रुपये के गबन मामले में इन दोनों ने अपने पर्यवेक्षरणीय कार्य में शिथिलता बरती थी। इसी की नतीजा था कि खंड के कार्यकारी सहायक इफ्तेखार ने अपने पद पर रहते हुए लगभग 43 लाख रुपये का वित्तीय गबन किया था। मुख्य अभियंता के इस पत्र के बाद खंड के अभियंताओं से लेकर लिपिक व लेखाकार संवर्ग में हड़कंप मचा है।
निदेशक कार्मिक व प्रशासन एसके बघेल ने कुछ दिन पहले मुख्य अभियंता को पत्र भेजा था। इसमें कहा था कि नवंबर 2020 के मामले का संज्ञान लेते हुए कि मोहद्दीपुर खंड के कार्यकारी सहायक के वित्तीय अनियमितता में संलिप्त खंड के सहायक लेखाकार और सहायक अभियंता (राजस्व) को भी कार्य के प्रति लापरवाही का दोषी पाया गया है।
इसी पत्र का संज्ञान लेकर मुख्य अभियंता ने जांच करवाकर रिपोर्ट भेज दी। दरअसल, नगरीय विद्युत वितरण खंड तृतीय में कैशियर पद पर तैनात इफ्तेखार अहमद सिद्दीकी ने विभागीय मिलीभगत से एक साथ कई रसीद बुक बंडल आवंटित करा लिया था। उन्होंने उपभोक्ताओं से बिजली बिल संबंधी भुगतान लेकर उन्हें रसीद भी दी, लेकिन भुगतान को निगम के बैंक खाते में जमा नहीं किया।
कैश बुक और खाते में जमा धनराशि की मिलान कराई गई तो मामला खुलकर सामने आया। इसके बाद खंड के जिम्मेदारों ने इफ्तेखार पर कैंट थाने में गबन का मुकदमा दर्ज करवाया। जांच के बाद निगम की तरफ से इफ्तेखार को निलंबित भी कर दिया गया। इसी के बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।
बिग बाजार मामले में भी दोनों कर्मचारी दोषी
मेसर्स कॉंटिनेंटल डेवलपर्स के मोहद्दीपुर चौराहा स्थित होटल रेडिशन और बिग बाजार मामले में भी एमडी पूर्वांचल ने लेखाकार बैजनाथ और सहायक अभियंता मुकेश को काम में लापरवाही का दोषी पाया है। फर्म ने आरोप लगाया था कि निगम (वितरण व पारेषण) के कुछ अधिकारियों की वजह से उनके स्थायी बिजली कनेक्शन मिलने में लेट लतीफी की गई। इसके अलावा लेखाकार की वजह से ही फर्म के बिजली बिल भुगतान समय से करने के बाद भी उनपर पेनाल्टी लगा दी जा रही थी। जांच में कुल 29 अभियंता व कर्मचारी दोषी पाए गए थे।
आरोप लगते रहे फिर भी दे दिया अतिरिक्त प्रभार
मोहद्दीपुर खंड के सहायक लेखाकार को अधीक्षण अभियंता शहरी कार्यालय में लेखाकार पद पर अप्रैल में ही तैनाती हो गई थी। इनके अतिरिक्त प्रभार को समाप्त करते हुए इनकी जगह दूसरी तैनाती किए जाने के लिए अधीक्षण अभियंता की तरफ से कई बार पत्र भी लिखा जा चुका है। लेकिन, सूत्रों ने बताया कि लेखा विभाग में अच्छी पकड़ होने की वजह से बैजनाथ को दो महत्वपूर्ण स्थान के लेखा परिभाग का जिम्मा दे दिया गया।
मुख्य अभियंता एके सिंह ने कहा कि मोहद्दीपुर खंड में गबन मामले में एमडी ऑफिस से रिपोर्ट मांगी गई थी। जांच करवाकर रिपोर्ट भेज दी गई है। कार्यकारी सहायक लाखों रुपये का गबन करते रहे और जिम्मेदारों को दिखा तक नहीं, ये कैसे संभव होगा। अगर उन्हें जानकारी नहीं हुई तो वह अपने पद के प्रति जिम्मेदार नहीं थे। ऐसे में दोष उनका भी बनता है। कार्रवाई के लिए एमडी स्तर पर पत्र भेज दिया गया है। ऐसे मामलों से निगम और जिम्मेदार अभियंताओं की छवि भी खराब होती है।
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