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उत्तर प्रदेश : भाजपा नेता यशपाल के हत्‍याकांड के मामले में मिले न्याय को बताया संतोषजनक

Admin2
16 Jun 2022 12:15 PM GMT
उत्तर प्रदेश : भाजपा नेता यशपाल के हत्‍याकांड के मामले में मिले न्याय को बताया संतोषजनक
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : हरदुआगंज में भाजपा नेता यशपाल सिंह की हत्या में फैसला आने के बाद बेटे गौरव चौहान ने कानून व्यवस्था से मिले न्याय को संतोषजनक बताया है। कहा, उस मंजर को याद करके परिवार आज भी सिहर उठता है। पिता की हत्या के बाद मां सुधा चौहान ने दो बेटों की परवरिश व परिवार को संभालने की जिम्मेदारी निभाने के साथ न्याय के लिए लड़ाई भी लड़ी। मां अब नहीं हैं, लेकिन वे हत्यारों को फांसी पर लटकते देखना चाहती थी। पिछले साल उनका कोरोना के चलते देहांत हो गया।

ऐसे शुरू हुआ था विवाद
घटना के वक्त गौरव 19 साल के थे। डीएम कालेज से ग्रेजुएशन कर रहे थे। छोटा भाई सोनू 14 वर्ष का था, जो 10 में पढ़ता था। गौरव ने बताया कि पिता की हत्या हुई तो पूरा परिवार सहम गया। घर से बाहर निकलने में भी खौफ होता था। मां सुधा के कंधों पर परिवार की पूरी जिम्मेदारी आ गई। पिछले साल अप्रैल में हुए जिला पंचायत के चुनाव में भाजपा ने वार्ड संख्या 36 से सुधा चौहान को जिला पंचायत सदस्य का उम्मीदवार बनाया था। चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना पाजीटिव हुई सुधा चौहान का चार मई 2021 को निधन हो गया था। उन्होंने बताया कि मुकदमे में उनके चाचा सतीश चौहान वादी थे, जिन्होंने पैरवी में कभी कोताही नहीं बरती। वारदात के समय पिता के पास चचेरे भाई प्रदीप कुमार, संकेत चौहान व कार चालक शिवकुमार मौजूद थे। जो चश्मदीद गवाह हैं, जिन्होंने न्याय की लड़ाई में अंत तक साथ दिया। अपनों के साथ की वजह से ही हत्यारे इस अंजाम तक पहुंचे। अनिल अपने भाई के साथ ठेकेदारी करते थे। उनकी हत्या के बाद परिवार टूट गया। अनिल के दो बेटे व दो बेटियां हैं। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। घटना के वक्त बड़ा बेटा दीपक चौहान 16 साल का था, जो अब गांव में ही खेतीबाड़ी संभाल रहा है। छोटा बेटा चिराग 10 साल का था, जो 12वीं पास कर चुका है।
आधा घंटा गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल गया था इलाका
जवां: तीन मार्च 2011 को शायद क्षेत्र के लोग भूल पाएं। कासिमपुर पावर हाउस में मंदिर मार्केट के पास ही पंजाब नेशनल बैंक थी। दोपहर 12 बजे यशपाल चौहान पर फायरिंग से इलाका दहल गया। गोलियों की तड़तड़ाहट से अफरा-तफरी मच गई। लोग अपनी दुकानों के शटर बंद करके भाग गए। इसमें अनिल के बेटे संकेत, भतीजे पुष्पेंद्र के अलावा राहगीर विवेक राठौर भी घायल हुए थे। बैंक में लेनदेन कर रहे उपभोक्ता भी जान बचाकर छिप गए। किसी ने यशपाल के गांव बड़ागांव उखलाना में फोन किया व पुलिस को भी जानकारी दी। जब तक पुलिस व स्वजन मौके पर आए, तब तक अनिल की मौत हो चुकी थी। घायल यशपाल चौहान को जेएन मेडिकल कालेज पहुंचाया गया, जहां उनकी भी मौत हो गई।

सोर्स-jagran

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