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उत्तर प्रदेश : ज्ञानवापी-शृंगार गौरी प्रकरण : पूरी हुई वादी पक्ष की ओर से बहस
Admin2
22 July 2022 4:25 AM GMT
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ज्ञानवापी-शृंगार गौरी प्रकरण
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : ज्ञानवापी-शृंगार गौरी प्रकरण में जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में गुरुवार को केस की मेरिट पर वादी पक्ष की ओर से बहस पूरी हुई। वादी के अधिवक्ता मानबहादुर सिंह ने प्रतिवादी की दलीलों को खारिज करते हुए वाद को सुनने योग्य बताया।
दोपहर करीब ढाई बजे से बहस शुरू हुई। जिसमें अधिवक्ता मानबहादुर सिंह ने कहा कि यह वाद सिर्फ दर्शन-पूजन राग भोग के लिए दाखिल किया गया है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद का ऑर्डर 7 रूल 11 का आवेदन सुनवाई योग्य है ही नहीं। विशेष धर्म उपासना स्थल-1991 में कहा गया है कि आजादी के समय जो धर्मस्थलों की स्थिति रही, वही रहेगी। यह वाद इससे इतर है। इसमें सिर्फ दर्शन-पूजन की बात कही गई है। स्वरूप बदलने की बात नहीं की गई है। इसके बावजूद पहले हिंदू-मुस्लिम और फिर मंदिर-मस्जिद का विवाद बताकर तूल दिया गया।
उन्होंने कहा कि दर्शन-पूजन हमारा सिविल अधिकार है। पूजा पाठ पर लगी रोक हटाई जाए और सिविल अधिकार के तहत पूजा पाठ की अनुमति दी जाए। शासन-प्रशासन की तरफ से डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने कहा कि अदालत ने जो भी पूर्व में आदेश दिया गया है, सम्यक रूप से पालन किया गया और भविष्य में भी किया जाएगा। अदालत ने प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया को जवाबी बहस के लिए 25 जुलाई की तिथि तय की है। उम्मीद है कि सोमवार को प्रतिवादी की ओर से जवाबी बहस होने के बाद देर शाम तक मेरिट पर आदेश आ सकता है। पोषणीयता पर 30 मई से जिला जज की अदालत में लगातर सुनवाई चल रही है। विगत दिनों में प्रतिवादी और वादी संख्या 2 से 5 की ओऱ से पक्ष रखा जा चुका है। वादी राखी सिंह की ओर से गुरुवार को चौथे दिन अधिवक्ताओं ने बहस पूरी की
source-hindustan
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