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उत्तर-प्रदेश: गुजरात के राज्यपाल बोले-यूपी में गंगा किनारे पांच 5 किलोमीटर और बुंदेलखंड में किसान करेंगे प्राकृतिक खेती
Kajal Dubey
28 Jun 2022 1:09 PM GMT
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मेरठ के मोदीपुरम स्थित कृषि विश्वविद्यालय में आज प्राकृतिक खेती से कृषि समृद्धि विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने पहुंचे। आज सुबह यहां पहुंचकर आचार्य देवव्रत ने फीता काटकर सेमिनार का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, मंत्री डॉ. संजीव बालियान भी मौजूद रहे। विवि के कुलपति डॉ. आरके मित्तल ने बताया कि सेमीनार में प्राकृतिक खेती से जुड़े विभिन्न स्टॉल लगाए गए। सेमिनार कृषि विवि के पशुचिकित्सा के ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने सेमिनार में पहुंचकर ऑर्गेनिक खेती से उगाए गए प्रॉडक्ट के विभिन्न स्टॉल का निरीक्षण किया।
रासायनिक और जैविक खेती से बर्बाद हो रही है जमीन और किसान
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि देश की जमीन और किसान को प्राकृतिक खेती ही समृद्ध कर सकती है। उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में भी प्राकृतिक खेती की शुरुआत सरकार द्वारा की जाएगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्णय लिया है कि गंगा के किनारे पांच 5 किलोमीटर तक और बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती की शुरुआत कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि जितना रासायनिक खेती ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है उतनी ही जैविक खेती भी है। इस संकट की घड़ी में कृषि वैज्ञानिकों को प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करना होगा। प्राकृतिक खेती में जहां लागत कम लगती है वहीं किसानों की आय दोगुनी होती है।
राज्यपाल ने सरदार पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि किसानों ने राजस्थानी उर्वरकों का प्रयोग करके जमीन के सभी सूक्ष्म जीव खत्म कर दिया, जिसके कारण हमारी भूमि बंजर होती जा रही है। दोगुनी पैदा होने की वजह फसलों की पैदावार आधी रह गई है। किसान गाय के मूत्र और गोबर से अपने खेतों में फिर से सूक्ष्म जीवाश्म पैदा कर सकते हैं। उन्होंने अपने खेतों में पैदा की जा रही फसलों का भी उदाहरण दिया उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से जहां जमीन बच रही है वहीं किसान की आय 4 गुनी हो रही है।
उन्होंने कृषि वैज्ञानिक और उपस्थित किसानों को अपने साथ जोड़ते हुए सवाल जवाब दीजिए साथ ही एक-एक बिंदु पर प्राकृतिक खेती के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से उगाए जाने वाले प्रॉडक्ट बेचने के बाजार की अब जरूरत है, इसके लिए सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां किसानों की आय दोगुनी करने का मिशन चलाए हुए हैं।
प्राकृतिक खेती से होगी किसानों की आय दोगुनी: बलदेव सिंह औलख
उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि प्राकृतिक खेती से ही किसान की आय दोगुनी हो सकती है हमारे उत्तर प्रदेश में अधिकतर किसान गेहूं गन्ने की खेती करते हैं, जबकि अन्य फसलों का उत्पादन भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में लागत भी कम आती है और आमदनी भी अधिक होती है सरकार भी इस पर काम करने का कदम उठा चुकी है। प्रोग्राम प्राकृतिक खेती से उत्पादन होने वाले प्रोडक्ट को नया बाजार दिया जाएगा। इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.आरके मित्तल, अनिल सिरोही डॉ. पीके सिंह आदि उपस्थित रहे।
प्राकृतिक खेती को मिल रहा है सरकार का साथ: संजीव बालियान
पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि हमने भी प्राकृतिक खेती पहली बार कुरुक्षेत्र में राज्यपाल आचार्य देवव्रत के खेतों में देखी इस खेती की कुछ मेरठ के किसानों ने भी शुरुआती है।
उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय मेरे लोकसभा क्षेत्र में आता है लेकिन यहां के वैज्ञानिकों ने किसान और नेताओं के लिए दरवाजे बंद कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि मैं पूरे देश के लिए किसानों के लिए योजनाएं बांट रहा हूं, लेकिन मेरे ही क्षेत्र के विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक आज तक किसानों के लिए कोई प्रोजेक्ट मांगने नहीं पहुंचे।
आज 42 योजनाओं की समीक्षा करेंगे डा. संजीव बालियान
केंद्र सरकार द्वारा जिले में चल रही योजनाओं की समीक्षा के लिए जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक का आयोजन आज दोपहर 2.30 बजे विकास भवन सभागार में किया जाएगा। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन राज्यमंत्री डा.संजीव बालियान करेंगे।
इस बैठक में जिले के सांसद, विधायक, एमएलसी को भी आमंत्रित किया गया है। बैठक में मनरेगा, दीनदयाल अंत्योदय योजना, पीएम ग्राम सड़क योजना, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन मिशन आदि योजनाओं की समीक्षा की जाएगी।
Kajal Dubey
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