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उत्तर प्रदेश
उत्तर-प्रदेश: ईंट निर्माताओं ने भी कसी कमर, हाइड्रा तकनीक पर ही चलेंगे नए ईंट भट्ठा
Kajal Dubey
21 July 2022 11:02 AM GMT
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अलीगढ़। (एनजीटी) की गाइड लाइन पर नए उसी ईंट भट्ठा को चलाने की अनुमति होगी, जिनके पास hydra technology होगी। पर्यावरण संरक्षण को लेकर Supreme Court भी सख्त रूख अपनाए हुए हैं। आठ जुलाई के अपने निर्णय में एनजीटी कोर्ट पहले ही एनसीआर की कड़ी शर्तों पर ही भट्ठा संचालन का निर्देश दे चुका है। जिले की air quality बेहद घातक है। इससे एनसीआर क्षेत्र भी प्रभावित हो रहा है।
फरवरी 2024 तक सभी भट्ठा मालिक अपनाएंगे तकनीक
इस निर्णय में दो बिंदुओं पर पेंच फंसा हुआ है, पहला कोर्ट ने 22 फरवरी 2024 से जिग जैक व हाइड्रा तकनीक सभी भट्ठा मालिकों को अपनाने के निर्देश दिए हैं, वहीं अपने आखिरी पैरा में एनजीटी के न्यायाधीश ने यह भी कहा कि जिला अलीगढ़ की सीमाएं एनसीआर से सटी हुई हैं, इस लिए एनसीआर की शर्ते व सख्ती अगले सीजन से ही लगाई जाए। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से राय शुमारी व निर्देश के लिए क्षेत्रीय अधिकारी डा. जेपी सिंह पत्र लिख चुके हैं। 12 दिन बीत जाने के बाद तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है।
ईंट निर्माता समिति की होगी बैठक
गुरुवार को brick manufacturing committee की क्वार्सी चौराहा निकट स्थित यश रेजीडेंसी में सुबह 11 बजे से होगी, जिसमें 300 से अधिक ईंट भट्ठा मालिक शामिल होंगे। एनसीआर की शर्तों के अनुसार तीन माह ही ईंट भट्ठों का संचालन होगा। मार्च से जून तक ही ईंट पकाई हो सकेगी। एनजीटी के कसते शिकंजा व हावी होती अफसर शाही को लेकर ईंट निर्माताओं की देश व्यापी हड़ताल चल रही है। ईंट निर्माताओं ने अगले सीजन की जिला पंचायत, खनन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य विभागों से भट्ठा संचालन की अनुमति के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र की औपचारिकता का बहिष्कार किया हुआ है।
अभी नहीं आया निर्देश
बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डा. जेपी सिंह ने बताया है कि बोर्ड के अभी दिशा निर्देश नहीं आए हैं, मगर नए ईंट भट्ठा में हाइड्रा व जिग जैक तकनीक अपनानी होगी। आठ जुलाई के निर्देश में यह भी उल्लेख किया है कि एनसीआर 10 किलो मीटर तक सटे जिलों में एनसीआर की शर्त ही लागू होगी। बोर्ड के निर्देश मिलते हुए जल्द अवगत करा दिया जाएगा।
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