उत्तर प्रदेश

भक्तों और 2 रुपए में ट्वीट करने वालों से ट्वीट ट्रेंड करवा कर नहीं सुधरेगी यूपी की कानून व्यवस्था: अवस्थी

Shantanu Roy
28 Oct 2022 12:08 PM GMT
भक्तों और 2 रुपए में ट्वीट करने वालों से ट्वीट ट्रेंड करवा कर नहीं सुधरेगी यूपी की कानून व्यवस्था: अवस्थी
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लखनऊ। हाल ही में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने उत्तर प्रदेश में महिला और बाल अपराधों को लेकर रिपोर्ट जारी किया है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश को दंगा-मुक्त घोषित किया गया है। इसे लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अवस्थी ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध चरम पर है। अपराधियों को पर सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर यूपी में अपराध मुक्त ट्रेंड करवा कर कानून व्यवस्था नहीं सुधरने वाली है।
ट्विटर पर उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त किया ट्रेंड
अवस्थी ने कहा कि भाजपा सरकार और उसके लोग अपराधियों को दबाने में लगी रही है। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार सोशल मीडिया पर अपने भक्तों और 2 रुपए में ट्वीट करने वालों से ट्विटर ट्रेंड करवा कर कानून व्यवस्था की बात कर खुश हो रही है, जबकि हकीकत इसके विपरीत है। उन्होंने हाथरस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि पूरा देश ने देखा कि बेटी के साथ हैवानियत फिर उसकी हत्या उसके बाद भी आरोपियों को सरकार बचाने में जुटी रही। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा को आखिर कब समझ में आएगा कि आराध्या पर कार्रवाई के लिए इश्चा शक्ति होनी चाहिए न कि सोशल मीडिया पर कानून व्यवस्था को ट्रेंड करवाकर प्रदेश की कानून व्यवस्था सही होगी।
NCRB के आंकड़े में यूपी को दंगा-मुक्त प्रदेश किया गया घोषित
दरअसल, NCRB के ताजे आंकड़ों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में UP में कमी आई है। इतना ही नहीं NCRB की रिपोर्ट मे यूपी को दंगा-मुक्त प्रदेश बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2021 में कुल 378 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं दर्ज हुईं है। लेकिन यूपी इकलौता ऐसा प्रदेश है जिसमें केवल एक घटना हुई है। अगर एनसीआरबी के आंकड़ों को सही माने तो फिर यूपी दंगा-मुक्त है जबकि झारखंड जैसे राज्य में एक साल में 100 से ज्यादा सांप्रदायिक दंगे हुए है।
बाल अपराधों में 11.11 फीसदी की कमी आई
आंकड़ों के आधार पर दावा किया जा रहा है कि यूपी में बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में भी बहुत कमी आई है। बाल अपराधों में 11.11 फीसदी की कमी आई है। यूपी में साल 2019 में UP में बच्चों के खिलाफ 18943 मामले रजिस्टर्ड हुए थे जबकि साल 2021 में यह घटकर 16838 हो गए है। वहीं महिला अपराध को लेकर साल 2019 में 59853 मामले दर्ज हुए थे, लेकिन इसके बाद साल 2021 में घटकर यह मामले 56083 हो गए है। साफ है कि साल 2019 की तुलना में 2021 में महिला अपराधों में 6.2 फीसदी की कमी आई है। फिलहाल विपक्ष इस आंकड़े को सही नहीं मान रहा है।
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