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उत्तर प्रदेश
बेमौसम बारिश ने नोएडा प्राधिकरण की खोली पोल, अधिकारियों के दफ्तर में भरा पानी
Shantanu Roy
9 Oct 2022 12:20 PM GMT
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बड़ी खबर
ग्रेटर नोएडा। प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है। बारिश से लोगों का जनजीवन जीवन प्रभावित हो रहा है। वहीं बेमौसम बारिश ने नोएडा प्राधिकरण की पोल खोल कर रख दी। दरअसल, नोएडा जिलाधिकारी परिवार समेत कई अधिकारियों के दफ्तर में पानी भर गया है। परिसर में खड़ी कार के आस-पास भारी पानी जमा हो गया है। जबकि पानी निकासी के लिए प्राधिकरण करोड़ों रुपए के टेंडर मुहैया कराता है उसके बावजूद भी ग्रेटर नोएडा जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में पानी जमा होना प्राधिकरण पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं मौसम विभाग ने प्रदेश में कई दिनों तक बारिश की आशंका जाहिर की है। वहीं मौसम विभाग ने बेमौसम बारिश को लेकर कहा कि लत समय पर हो रही बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है और उनके सामने अनिश्चितता का अंधकार छा गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, "उत्तर प्रदेश के 75 में से 67 जिलों में पिछले हफ्ते अत्यधिक वर्षा हुई है। मानसून के मौसम यानी जून-जुलाई में बारिश लगभग न के बराबर होने से फसल चक्र पहले से ही व्यवस्थित हो गया था और अब सितंबर-अक्टूबर में अत्यधिक बारिश के कारण रही-सही फसलें भी बर्बाद होने से किसान और भी ज्यादा परेशान हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि बारिश के कारण लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूब गई है, जिससे धान, मक्का और आलू की फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, बाजरा और उड़द की फसलों पर भी बुरा असर पड़ा है। इटावा के आलू उत्पादक किसान सुरेंद्र पाठक ने कहा, "हमने सितंबर के अंत में आलू की जल्द बोई जाने वाली प्रजाति की बुवाई की थी, लेकिन भारी बारिश के कारण सात हेक्टेयर क्षेत्र में लगी हमारी आलू की फसल पर बुरा असर पड़ा है।" पाठक ने कहा, "खेतों में पानी भर गया है, जिसकी वजह से आलू के कंद सड़ गए हैं। अगर ऐसे ही बारिश जारी रही तो आलू की बाद वाली प्रजाति की बुवाई करना मुश्किल हो जाएगा।" उन्होंने बताया कि इटावा में अक्टूबर के पहले सप्ताह में 81 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की गई, जो दीर्घकालिक औसत (एलपीए) यानी 8.3 मिलीमीटर से 876 फीसदी ज्यादा है। उधर, गोंडा में इसी अवधि में 248.6 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई, जो एलपीए यानी 25.3 मिलीमीटर से 883 प्रतिशत अधिक है। गोंडा के सीमांत किसान प्रभात कुमार बारिश के मौजूदा दौर को देखते हुए अपनी धान की फसल को लेकर परेशान हैं। वह अपनी व्यथा बताते हुए कहते हैं, "पिछले दिनों भारी बारिश की वजह से मेरी धान की खड़ी फसल लेट गई। मुझे डर है कि मेरी आधी फसल बर्बाद हो चुकी है और अगर आने वाले दिनों में मौसम साफ नहीं हुआ तो रही-सही फसल भी नष्ट हो जाएगी।" हालांकि सरकार ने बेमौसम बारिश से किसानों को हुए नुकसान का अनुमान लगाने के निर्देश दिए हैं।
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