उत्तर प्रदेश

गंगा का जलस्तर हुआ स्थिर,लेकिन मुश्किलें कम नही

Shantanu Roy
30 Aug 2022 6:29 PM GMT
गंगा का जलस्तर हुआ स्थिर,लेकिन मुश्किलें कम नही
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बड़ी खबर
वाराणसी। वाराणसी में लगातार बढ़ाव के बाद गंगा का जलस्तर फिलहाल स्थिर है। इसके बावजूद भी लोगों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही है। खतरे के निशान से 88 सेंटीमीटर उपर बह रही लहरों से बाढ़ प्रभावित इलाकों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। लोग जान बचाने के लिए घर खाली कर बाढ़ राहत शिविर या परिचितों के यहां रह रहे है। गंगा की लहरें मोक्षतीर्थ मणिकर्णिका घाट को डूबोकर अब ऊपर बढ़ने लगी है। गंगा का पानी घाट की सीढ़ियों को अपने आगोश में लेकर सड़कों पर बहने लगा है। गंगा और उसकी सहायक नदी वरुणा के तटवर्ती इलाके तो पहले से ही डूबे थे। अब पानी नए इलाकों में पहुंच रहा है। लोगों को 1978 में आई भयावह बाढ़ की चिंता सताने लगी है। इस बार जलस्तर वर्ष 2013 के रिकॉर्ड 72.630 मीटर के करीब पहुंच गया है। मंगलवार को शाम 06 बजे गंगा का जलस्तर 72.14 मीटर दर्ज किया गया। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार फिलहाल गंगा का जलस्तर स्थिर है। उधर, 11 एनडीआरएफ के द्वितीय कमान अधिकारी असीम उपाध्याय के देखरेख में एनडीआरएफ की टीमों ने मंगलवारों को गंगा एवं वरुणा नदी के बाढ़ से प्रभावित स्थानों से फँसे हुए महिलाओं, पुरुष, वृद्ध एवं बच्चों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया । प्रशासन के सहयोग से एनडीआरएफ बचावकर्मियों ने रेस्क्यू बोट के माध्यम से बाढ़ प्रभावित मारुति नगर, अशोकनगर, काशीपुरम सहित आस.पास के इलाकों में जरूरतमंदों को बाढ़ राहत सामग्री, पानी की बोतलें, ब्रेड के पैकेट, माचिस, मोमबत्ती इत्यादि आवश्यक सामग्री का वितरण किया। एनडीआरएफ की चिकित्सकीय टीम ने भी लोगों का स्वास्थ्य जांच के बाद आवश्यक दवाओं का भी वितरण किया। इसी क्रम में एसीपी कोतवाली ने आदमपुर कोनिया क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों में राहत सामग्री का वितरण कराया।
-कमिश्नर और डीएम ने बाढ़ राहत शिविर का किया दौरा
मण्डलायुक्त दीपक अग्रवाल तथा जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मंगलवार को बाढ़ राहत कैम्पों में रह रहे बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना। अफसरों ने भदैनी स्थित गोयनका संस्कृत महाविद्यालय में बनाये गये बाढ़ राहत कैम्प का भ्रमण किया । यहां नाश्ता में दूध केला आदि व खाना समय से मिलने व साथ ही अन्य किसी प्रकार की परेशानी के बारे में पूछताछ की । बाढ़ राहत कैम्प प्रभारियों को निर्देश दिए कि किसी भी कमरे में बिजली के तार खुले और अव्यवस्थित नहीं होने चाहिए।
जिलाधिकारी ने नगवा बाढ़ राहत कैम्प में भ्रमण के दौरान पाया कि सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है। मौके पर नगर निगम के सुपरवाइजर शिव कुमार मौर्या को बुलवा कर डांट लगाई। इसके अलावा इस कैम्प में विद्युत आपूर्ति भी बाधित पाये जाने पर सम्बन्धित अभियंता को फोन करने व आपूर्ति चालू कराने का निर्देश दिया। प्रभावित क्षेत्रों में बीमारी न फैले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने 40 टीमें मुस्तैद करने का दावा किया है। शहर में 20 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए है। इसमें बाढ़ पीड़ितों को शरण दी गई है। राहत एवं बचाव के लिए 58 नावें लगाई गई हैं। बाढ़ से निपटने के लिए 19 राहत चौकी स्थापित की गईं हैं। जो दिन.रात निगरानी कर रही हैं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष से शहर और गांव के इलाकों में पैनी नजर रखी जा रही है। कंट्रोल रूम में आने वाली समस्याओं पर तुरंत एक्शन लिया जा रहा है। जिलाधिकारी वाराणसी ने बाढ़ कंट्रोल रूम आपदा प्रबंधन के लिए नम्बर जारी किया है। आपदा प्रबंधन के लिए 0542 .2508550, 9140037137, एनडीआरएफ 8004931410 नम्बर है। अफसरों का दावा है कि वाराणसी नगरीय क्षेत्र के 20 वार्ड, ग्राम वार्ड 136 हैं। जिसमें 116 ग्राम बाढ़ से प्रभावित हैं। कुल प्रभावित जनसंख्या 31588 है। जिसे फौरी तौर पर हर मदद प्रशासन पहुंचा रहा है।
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