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सर्विसेज टैक्स विभाग की टीम ने शहर के एक लोहा कारोबारी के प्रतिष्ठान पर घंटों छानबीन
व्यापार कर के भुगतान में अनियमितता की शिकायत पर शनिवार को इलाहाबाद से पहुंची सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स विभाग की टीम ने शहर के एक लोहा कारोबारी के प्रतिष्ठान पर घंटों छानबीन की। टीम ने कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिया है। हालांकि इस कार्रवाई के बारे में टीम के सदस्यों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।
बताया गया कि दोपहर बाद प्रयागराज में पंजीकृत एक स्कार्पियो वाहन से चार-पांच लोग नगर कोतवाली के खवासपुरा स्थित आरआर स्टील प्रतिष्ठान पर पहुंचे। यह प्रतिष्ठान उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारी नीरज जायसवाल का है। प्रतिष्ठान के माध्यम से कई ब्रांडेड कंपनियों की सरिया, शीट, सीमेंट, इस्पात एंड स्ट्रक्चरल आइटम, एंगल, चैनल, पटिया, गाटर, प्लेट आदि का कारोबार किया जाता है। मौके पर प्रतिष्ठान मालिक मौजूद नहीं थे। मौजूद कर्मियों को टीम ने खुद को सीजीएसटी का अधिकारी बताया और कारोबार का कागजात तलब का घंटों छानबीन की।
छानबीन के बाद पड़ताल और मिलान के लिए कई अभिलेख और कागजात अपने कब्जे में लिया है। व्यापार कर कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि अब इस प्रतिष्ठान की जीएसटी फाइल सीजीएसटी कार्यालय के पास है। उनका इस कार्रवाई और मामले से कोई लेना देना नहीं है।
वही सीजीएसटी के स्थानीय कार्यालय में शनिवार होने के चलते ताला बन्द था। बताया जाता है कि जीएसटी लागू होने के बाद सरकार ने तमाम नए प्रावधान लागू किए हैं। प्रावधान के तहत एसजीएसटी के तहत पंजीकृत कारोबारी अथवा फर्म 4 साल तक एसजीएसटी के स्थानीय कार्यालय के अधीन होता है इसके बाद उसकी जीएसटी की फाइल स्वतः सीजीएसटी कार्यालय के अधीन हो जाती है। यही क्रम 4 साल बाद फिर से दोहराया जाता है। व्यापारी नेता के प्रतिष्ठान की जीएसटी फाइल सीजीएसटी कार्यालय के अधीन होने के बाद यह कार्रवाई हुई है।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar