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उत्तर प्रदेश
ससुरालवालों ने बहू को 4 साल से अंधेरे कमरे में रखा था बंद, स्वयंसेवी संस्था की मदद से पिता ने कराया मुक्त
Ritisha Jaiswal
21 July 2022 4:27 PM GMT
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मंदसौर की ये घटना रोंगटे खड़े कर देगी. यहां ससुरालवालों ने बहू पर ऐसा जुल्म ढाया कि शरीर के नाम पर सिर्फ कंकाल रह गया
मंदसौर की ये घटना रोंगटे खड़े कर देगी. यहां ससुरालवालों ने बहू पर ऐसा जुल्म ढाया कि शरीर के नाम पर सिर्फ कंकाल रह गया. पति और उसके घर वालों ने बहू को 4 साल से अंधेरे घुटन भरे कमरे में बंद कर रखा था. मायके वालों को आने नहीं देते थे. मारपीट करते थे. लेकिन अब शहर की एक स्वयंसेवी संस्था की मदद से महिला को मुक्त कराया गया. पिता को देखते ही वो फूट फूट कर रोने लगी और बोली घर चलो. पुलिस ने महिला के पति प्रदीप भगवती लाल मौड़ के खिलाफ धारा 498 पार्ट 1, 344, 506 के तहत केस दर्ज कर लिया है.
मंदसौर में एक महिला को विक्षिप्त बताकर उसे एक कमरे में बंद कर 4 साल तक प्रताड़ित किया गया. गांव वालों ने पुलिस को सूचना दी. बाद में पुलिस के सहयोग से महिला को विक्षिप्त महिला आश्रय कर भेजा गया. बाद में महिला के मायके वालों को सूचना दी गयी. मायके वाले जब उसे लेने पहुंचे को बहुत भावुक कर देने वाला दृश्य था. महिला ने पिता को पहचान लिया. वो फूट-फूट कर रोने लगी.
पढ़ी लिखी महिला का किया ये हाल
रतलाम के खारवा कला गांव में रहने वाली बुलबुल की शादी 17 साल पहले मंदसौर जिले के पिपलिया कराड़िया गांव में रहने वाले प्रदीप भगवती लाल मौड़ से हुई थी. वो दसवीं तक पढ़ी लिखी है और स्व सहायता समूह चलाती थी. बुलबुल के एक बेटी और बेटा भी है. 4 साल पहले अचानक उसकी तबियत बिगड़ी तो ससुराल वालों ने पिता को खबर कर दी. पिता ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में बुलबुल का इलाज कराया और उसके बाद बेटी को अपने पास रखा. लेकिन तभी दामाद आया और बुलबुल को अपने साथ ले गया. बस गांव लाकर ससुराल वालों ने उसे मानसिक रूप से विक्षिप्त बताकर दस बाय दस के एक कमरे में बंद कर दिया. कमरे में न लाइट थी न पंखा. न हवा. शौचालय के नाम पर कमरे में ही एक गढ्ढा खोद दिया गया था. पति और ससुराल वालों ने चार साल से बुलबुल को उसी अंधेरे और दुर्गन्ध युक्त कमरे में कैद कर रखा था.
कैद से निकली बुलबुल
एक नर्क का जीवन जी रही महिला की सूचना जब गांव वालों को लगी तो उन्होंने पुलिस को खबर दी. पुलिस वालों ने महिला को कमरे से निकालकर मंदसौर विक्षिप्त महिला आश्रय घर चलाने वाली समाजसेविका अनामिका को सौंप दिया. अनामिका जैन ने महिला का मेडिकल चेकअप कराया तो कहीं भी ऐसा नहीं लगा कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है. अनामिका जैन ने महिला के मायके वालों को सूचना दी.
पिता को देख रो पड़ी बेटी
खबर मिलते ही बुलबुल के पिता और भाई उसे लेने भागे चले आए. उन्हें देखते ही बुलबुल फूट फूट कर रोने लगी. वो पिता से बोली घर चलो. बेटी को इस हाल में देखकर पिता की रूह कांप गयी. वो भी भावुक हो गए. पिता ने बताया कि दामाद बेटी पर बहुत जुल्म कर रहा था. वो बेटी से मिलने कई बार गांव आए. लेकिन दामाद प्रदीप भगवती लाल मौड़ उन्हें मारने के लिए दौड़ता था. भाई ने बताया कि जब भी मैं बहन को फोन करता था तो जीजाजी बात नहीं करवाते थे. कभी कहते थे कि सो रही है. कभी बोलते की इलाज करवाने ले गए हैं. सास भी अत्याचार करती थी. 4 साल से बहन को कमरे में बंद करके रखा था.
समाज सेविका की मदद से खुली हवा में सांस लेगी बुलबुल
4 साल से कैद में रह रही बुलबुल जब अपने पिता और भाई से मिली तो उसके चेहरे पर खुशी देखने लायक थी. अपने पति और ससुराल वालों की प्रताड़ना से मुक्त हुई बुलबुल को आश्रम की संचालक अनामिका जैन ने कपड़े और चूड़ी देकर विदा किया. गांव वालों, पुलिस और विक्षिप्त महिला आश्रय घर चलाने वाली अनामिका जैन की मदद से बुलबुल अब खुली हवा में सांस ले सकेगी.
Ritisha Jaiswal
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