उत्तर प्रदेश

आश्रम पद्धति स्कूलों के शिक्षकों का भविष्य अंधकारमय

Shantanu Roy
24 Sep 2022 3:44 PM GMT
आश्रम पद्धति स्कूलों के शिक्षकों का भविष्य अंधकारमय
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बड़ी खबर
लखनऊ। समाज कल्याण, जनजाति विकास राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संविदा शिक्षक संघर्ष मंच की एक बैठक राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी की अध्यक्षता में दारुलशफा स्थित ए ब्लॉक के कामन हाल में संपन्न हुई। बैठक का आयोजन संयुक्त परिषद की संयुक्त सचिव अरुणा शुक्ला ने किया। बैठक में प्रदेश के सुदूर अंचलों से आए सैकड़ों की संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाओं ने आश्रम पद्धति विद्यालयों के शिक्षकों के विनियमितीकरण को लेकर गहरा मंथन किया और बताया कि संविदा शिक्षकों की दशा अत्यंत दयनीय है। न्यायालय से पद संरक्षा के बाद भी संविदा शिक्षकों को मनमाने तरह से निकाल दिया जाता है या निकाले जाने की धमकी दी जाती रही है। विनियमितीकरण न होने से शिक्षकों का भविष्य अंधकार में हो रहा है।
उपस्थित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सर्वसम्मति से विनियमितिकरण की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने का निर्णय लिया। इसके लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष को जिम्मेदारी भी सौंपी गई। परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि संविदा शिक्षकों का विनियमितीकरण अन्य कर्मचारियों के नियमितीकरण से अलग मामला है। समाज के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा पहुंचाने का लक्ष्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का है। उस लक्ष्य को पूरा करने में समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विकास द्वारा संचालित आश्रम पद्धति विद्यालय मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। जेएन तिवारी ने कहा कि शिक्षकों का विनियमितीकरण कराने में संयुक्त परिषद के सभी घटक पूरा सहयोग करेंगे। कहा कि यदि 80 प्रतिशत शिक्षकों ने सहयोग किया तो विनियमितीकरण निश्चित हो जाएगा। विनियमितीकरण की लड़ाई में शिक्षकों का शत-प्रतिशत सहयोग होना बहुत जरूरी है।
संघर्ष मंच की संयोजक अरुणा शुक्ला, विनियमितीकरण के कार्यों में संयुक्त परिषद के अध्यक्ष का सहयोग करेगी। इस मौके पर यह प्रस्ताव पारित किया गया कि सभी शिक्षक इस सत्र के लिए संयुक्त परिषद द्वारा निर्धारित किया गया सदस्यता फार्म भरेंगे एवं संस्था शुल्क सदस्यता शुल्क सीधे परिषद को जमा करें और संयुक्त परिषद से रसीद प्राप्त करेंगे। सभी सदस्यों को सदस्यता कार्ड जारी किया जाएगा। संघर्ष मंच की संयोजक अरुणा शुक्ला को सहयोग करने के लिए एक अट्ठारह सदस्ययीय समिति का भी गठन किया गया। प्रत्येक मंडल से एक शिक्षक को समिति में शामिल किया गया है। समिति विनियमितीकरण के कार्यों की समय-समय पर समीक्षा करेंगी एवं विनियमितीकरण के रास्ते में आने वाली रुकावट को दूर करने में समिति की संयोजक अरुणा शुक्ला का सहयोग करेगी। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने समाज कल्याण जनजाति विकास राजकीय आश्रम पद्धति स्कूल संविदा शिक्षक संघर्ष मंच के गठन का स्वागत किया।
बैठक में निर्णय लिया कि विभाग के सभी शिक्षक इसी संघर्ष मंच के साथ काम करेंगे। समिति की संयोजक अरुणा शुक्ला ने सदस्यों को अवगत कराया कि शिक्षकों का नियमितीकरण एक बहुत ही दुष्कर कार्य है। इस कार्य को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के सहयोग के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है।राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा समाज कल्याण जनजाति विकास राजकीय आश्रम पद्धति स्कूल संविदा शिक्षक संघर्ष मंच को तात्कालिक प्रभाव से संबद्धता प्रदान कर दी गई है। बैठक में मुख्य रूप से रैन बछरावां रायबरेली ,गोंडा, बहराइच, झांसी ,ललितपुर, गोरखपुर,वाराणसी ,मिजार्पुर ,भदोही, प्रयागराज,कौशांबी, संत कबीर नगर बस्ती,अयोध्या सहित 50 से अधिक जनपदों के शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।
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