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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | यूपी के हरदोई के एक थाने में तैनात सिपाही की रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। पीड़ित ने सिपाही के रिश्वत लेने से संबंधित बातचीत का ऑडियो देकर प्रकरण में कार्रवाई की मांग की है। दरअसल दहेज प्रताड़ना के बाद मायके में रह रही पीड़िता और उसके माता-पिता के साथ मारपीट करने वाले ससुराली जनों के खिलाफ स्थानीय पुलिस ने कार्यवाही नहीं की तो पीड़ित परिवार ने अफसरों से न्याय की गुहार लगाई। आरोप है कि डीजीपी के आदेश के बाद भी पीड़िता का मुकदमा तब दर्ज किया गया जब 20 हजार की रिश्वत एक सिपाही के द्वारा ले ली गयी। पीड़ित के मुताबिक उसकी तहरीर बदल कर मुकदमा दर्ज किया गया और अब मुकदमे में कार्रवाई के लिए 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है। पीड़ित ने सिपाही के साथ हुई बातचीत का ऑडियो देकर बेटी के ससुराली जनों और रिश्वतखोर पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग डीजीपी से की है।पूरे प्रकरण की जांच डिप्टी एसपी को सौंपी गई है।
इंसाफ पाने की खातिर रिश्वत देने का यह प्रकरण हरदोई जिले के थाना हरियावां का है जहां थाने में तैनात सिपाही आरिफ मलिक पर मुकदमा लिखने के एवज में 20 हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। थाना क्षेत्र के बेलहिया गांव के रहने वाले सागर के मुताबिक 4 साल पहले उसने अपनी बेटी चांदनी की शादी थाना कोतवाली देहात के कंथाथोक गांव के रहने वाले शादाब के साथ की थी। बेटी को दहेज के लिए ससुरालीजन प्रताड़ित करते थे लिहाजा वह अपनी बेटी को लेकर अपने घर आ गया।
विगत 25 अप्रैल को शादाब और उसके परिजन बेलहिया गांव आए जहां उन्होंने घर मे घुसकर चांदनी के साथ ही उसके माता पिता को भी पीटा।पीड़ित ने इसकी शिकायत स्थानीय थाने पर की लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की लिहाजा उसने अफसरों से न्याय की गुहार लगाई।पीड़ित का आरोप है कि डीजीपी के आदेश के बावजूद भी मुकदमा लिखने के एवज में सिपाही आरिफ मलिक ने उससे 20 हजार रुपये ले लिए जिसके बाद उसका मुकदमा दर्ज किया गया, रिश्वत लेकर उसका मुकदमा तो लिख दिया गया लेकिन तहरीर बदल दी गयी।पीड़ित के मुताबिक सिपाही आरिफ मलिक का कहना है कि दूसरा पक्ष मुकदमा खत्म करने के एवज में एक लाख रुपए दे रहा है, अगर तुम 50 हजार दोगे तो तुम्हारे मुकदमे में धारा बढ़ा दी जाएगी और कार्रवाई होगी।
ऐसे में पीड़ित परिवार ने सिपाही के साथ हुई बातचीत का ऑडियो संलग्न कर पूरे मामले की शिकायत पुलिस महानिदेशक,राज्य महिला आयोग और मुख्यमंत्री से की है।सिपाही की रिश्वतखोरी का प्रकरण संज्ञान में आने के बाद पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने सीओ हरियावां शिल्पा कुमारी को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी है।सरकार जहां पीड़ितों को इंसाफ दिलाने को लेकर बड़े-बड़े वादे और दावे करती है लेकिन इंसाफ पाने की खातिर भी लोगों को थाने में रिश्वत देनी पड़ रही है,यह प्रकरण तो सिर्फ बानगी है,थानों के असल हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।ऐसे में इंसाफ के बदले रिश्वतखोरी के इस प्रकरण में थाने के जिम्मेदार अफसरों की भूमिका की क्या जांच होगी और रिश्वतखोर पुलिसकर्मी के खिलाफ क्या कार्यवाही होगी यह जरूर देखने वाली बात होगी।