उत्तर प्रदेश

अधिकारियों की जांच में पलट गया मामला, दरोगा गर्वित त्यागी नहीं कर रहा था युवती से बदतमीजी

Shantanu Roy
27 Dec 2022 9:52 AM GMT
अधिकारियों की जांच में पलट गया मामला, दरोगा गर्वित त्यागी नहीं कर रहा था युवती से बदतमीजी
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बड़ी खबर
कानपुर। ककवन थाना क्षेत्र से संबंधित रविवार की देर शाम को एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दावा किया जा रहा था कि एक दरोगा घर में घुसकर युवती से अभद्रता कर रहा है। वायरल वीडियो का अधिकारियों ने संज्ञान लिया और जांच में पूरा मामला ही पलट गया। जांच में सामने आया कि दरोगा को फंसाने के लिए परिवार ने योजना बनाई और योजना के अनुसार दरोगा को युवती के साथ कमरे में बंद कर दिया गया। युवती जब दरोगा को मारने लगी तब दरोगा ने बचाव के लिए युवती को पकड़ा। अब ऐसा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया, "हीरापुरवा में रहने वाली एक युवती ने घर से भागकर लव मैरिज की थी। मामले में परिवार वालों ने 2 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई थी। पुलिस ने 3 आरोपियों और युवती को दबिश देकर पकड़ लिया। जांच के दौरान युवती ने अपने बयान में बताया कि मैं बालिग हूं और उसने अपनी इच्छा से शादी की है।युवती के बालिग होने की मेडिकल में पुष्टि होने के बाद आरोपियों को छोड़ दिया गया। साथ ही परिवार वालों को पूरे मामले की जानकारी दी गई। इस बात को लेकर परिवार के लोगों में गुस्सा भरा था। परिवार को लग रहा था कि घूस लेकर पुलिस आरोपियों की मदद कर रही थी।
ककवन थाना क्षेत्र के विषधन चौकी के गांव हरिपुरा में रविवार की शाम इसी मामले में विवेचना को गए दरोगा की पीड़ित पक्ष से झड़प हो गई थी। पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया था कि दरोगा ने परिवार की एक युवती को जबरन पकड़ लिया और उसके साथ अभद्रता की। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें दरोगा एक युवती को पकड़े हुए नजर आ रहा है। वायरल वीडियो का पुलिस कमिश्नर ने संज्ञान लिया और एडीसीपी पश्चिम के साथ एडीसीपी दक्षिण को जांच के लिए जिम्मेदारी सौंपी। दोनों अधिकारियों ने जांच में पाया कि ककवन थाने के एसआई गर्वित त्यागी और कॉन्स्टेबल माधव धारा-366 के मुकदमे की विवेचना के लिए गए थे। इस दौरान दोनों को झूठा आरोप लगाकर मुकदमे में फंसाने के लिए उन्हें जबरदस्ती कमरे में ढकेला गया था। इस पर कॉन्स्टेबल किसी तरह से भागने में सफल रहा, लेकिन एसआई पर झूठा आरोप लगाने के लिए उनको कमरे में बंद किया गया और युवती द्वारा खुद अपने कपड़े फाड़ने की कोशिश की गई। कुछ लोगों द्वारा वीडियो बनाने के दौरान महिला को उकसाया जा रहा था, उनका कहना था कि आन ड्यूटी एसआई पर इस तरह की घटना को कारित किया गया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त ने सोमवार को बताया कि दोनों आईपीएस अधिकारियों ने पूरे मामले की गहनता से जांच की। ग्रामीणों के भी बयान दर्ज किये गये। जो वीडियो वायरल किया गया है वह उस समय का है जब दरोगा ने अपने बचाव के लिए युवती का हाथ पकड़ा है। पूरे वीडियो को अधिकारियों ने देखा है उसमें देखा गया कि दरोगा को फंसाने के लिए परिजनों ने साजिश रची और युवती द्वारा दरोगा को पीटा भी गया है। जिन लोगों ने दरोगा को फंसाने के लिए इस तरह की हरकत की है उन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।
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