उत्तर प्रदेश

प्रतिकार यात्रा मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को जमानत

Rani Sahu
23 Dec 2022 4:01 PM GMT
प्रतिकार यात्रा मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को जमानत
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वाराणसी: सात साल पुराने प्रतिकार यात्रा के दौरान बवाल मामले में आरोपी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने उनकी नियमित जमानत अर्जी स्वीकार कर ली। कोर्ट ने 20 हजार के दो जमानतदार देने पर रिहा करने का आदेश दिया।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से अधिवक्ता धीरेंद्र नाथ शर्मा, प्रभुनरायण पांडेय, बच्चा द्विवेदी, रमेश उपाध्याय, ब्रजेश मिश्र आदि ने पैरवी की। इससे पहले फरार घोषित होने के कारण गुरुवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कोर्ट में हाजिर होकर अंतरिम जमानत ली थी।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि भारतीय नागरिक होने के कारण कोर्ट का सम्मान और कानून का पालन करना नैतिक दायित्व है। कोर्ट ने हाजिर होने की अपेक्षा की, हम प्रस्तुत हो गए। प्रकरण के बाबत कहा कि सब जानते हैं कि हम लोग किसी भी तरह के अपराध में संलिप्त नहीं रहे, राजनीतिक विद्वेष वश तत्कालीन सरकार ने मुकदमा कायम कराया। अदालत से फरार होने की जानकारी मिली, तब हम हाजिर हो गए। जानबूझकर कोर्ट के आदेश को नजरअंदाज नहीं किया।
कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा
वाराणसी कोर्ट परिसर में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
जिला जज की अदालत ने आदेश में कहा कि अभियोजन द्वारा संकलित फोटोग्राफ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की कोई स्पष्ट सहभागिता नहीं दर्शाई गई है। नामित आरोपियों की तरफ से अभियोजन ने समान कथन किया है। कोई आपराधिक इतिहास नहीं प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण में सह आरोपियों की जमानत हो चुकी है। ऐसे में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की जमानत अर्जी स्वीकार की जाती है।
इसके पूर्व स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गुरुवार को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण की कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। कोर्ट ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की अंतरिम जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था।
प्रतिकार यात्रा में क्या हुआ था
गंगा में गणेश प्रतिमा विसर्जन पर अड़े स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद समेत अन्य लोगों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में पांच अक्तूबर 2015 को मैदागिन स्थित टाउन हॉल मैदान से प्रतिकार यात्रा निकाली गई थी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आगे-आगे भी एक जत्था चल रहा था। गोदौलिया चौराहे पर बवाल और आगजनी हुई थी।
इस मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप पत्र के पहले आरोपी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अरेस्ट स्टे लिया था। आरोप पत्र आने के बाद आरोपी समेत कई लोगों के खिलाफ पहले समन फिर वारंट जारी हुआ। कोर्ट में पेश नहीं होने पर कुर्की का आदेश भी हो चुका था।इसके बाद आरोपी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई, जो अदालत ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी थी। इस बीच स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कोर्ट में हाजिर होकर जमानत की गुहार लगाई और अंतरिम जमानत पर रिहा हुए। उनकी नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 23 दिसंबर की तिथि तय की थी।
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