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छात्रों का साइलेंट प्रतिरोध देख संबोधन बीच में ही खत्म कर निकले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह; IMS-BHU के 6वें स्थापना दिवस पर पहुंचे थे मंत्री
छात्रों को मंच की तरफ आता देख प्रॉक्टोरियल बोर्ड के 2 सुरक्षाधिकारी और मंचासीन डॉक्टर्स उठकर ऑडियंस के बीच पहुंच गए। छात्रों को रोकने का प्रयास करने लगे। इस दौरान छात्रों को रोकते-समझाते हुए बाहर हॉल से बाहर कर दिया।
प्रोफेसरों और सुरक्षाधिकारियों ने छात्रों कें हाथ से बैनर खींच लिया और सीधे बाहर कर दिया। इस दौरान मंच पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह करीब 300 डॉक्टरों को संबोधित कर रहे थे।
वाराणसी । IMS-BHU के छठवें इंस्टीट्यूट डे पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह कैंपस में पहुंचे। वह स्वतंत्रता भवन सभागार में संबोधन दे हर रहे थे कि अचानक से वहां पर 100 से ज्यादा छात्र अपना विरोध दर्ज कराने पहुंच गए। 10 दिन से वीसी आवास के सामने आयुर्वेद में पीजी सीट बढ़ाने की मांग पर धरना कर रहे इन छात्रों ने आज मंत्री के सामने साइलेंट प्रतिरोध जताया।
छात्रों को रोकने के लिए मंच से उठे डॉक्टर
छात्रों को मंच की तरफ आता देख प्रॉक्टोरियल बोर्ड के 2 सुरक्षाधिकारी और मंचासीन डॉक्टर्स उठकर ऑडियंस के बीच पहुंच गए। छात्रों को रोकने का प्रयास करने लगे। इस दौरान छात्रों को रोकते-समझाते हुए बाहर हॉल से बाहर कर दिया। प्रोफेसरों और सुरक्षाधिकारियों ने छात्रों कें हाथ से बैनर खींच लिया और सीधे बाहर कर दिया। इस दौरान मंच पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह करीब 300 डॉक्टरों को संबोधित कर रहे थे।
सहमे मंत्री
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह यह सब देख थोड़ा सहमे। फिर बोले कि कुछ विपरीत परिस्थिति की वजह से मैं अब निष्कर्ष पर आता हूं। इसके बाद उन्होंने अपना संबोधन खत्म किया और हॉल से बाहर निकल गए। मौके पर पर्याप्त सुरक्षाधिकारी भी नहीं दिखे।
कार्डियक अरेस्ट में सडेन डेथ को रोकने के लिए बनाएंगे इंटीग्रेटेड अप्रोच
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे साथ मेटाबॉलिक समस्या हो गईं हैं, इसलिए कार्डयिक अरेस्ट और सडेन डेथ की घटनाएं बढ़ी हैं। इसके लिए जीवनशैली और खानपान जिम्मेदार है। हमारा प्रयास है कि इंटीग्रेटेड अप्रोच के साथ इस समस्या की स्टडी करेंगे। मॉडर्न मेडिसीन के साथ ही योग और आयुष का भी सहारा लेंगे। एक मिशन के साथ जब योजना बनाई जाएगी तो ही पर्याप्त तौर पर इंसानों की देखभाल की जा सकती है।