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बोले- कोई फर्क नहीं पड़ता, पैरोकार को पाकिस्तान से आई धमकी भरी कॉल
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
पाकिस्तान से आए धमकी भरे कॉल के बाद ज्ञानवापी केस के पैरोकार ने कहा कि हिंदुत्व और मंदिर की रक्षा के लिए अगर प्राण भी चला जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता है।
ज्ञानवापी केस के पैरोकार डॉ.सोहनलाल आर्य को पाकिस्तान से धमकी भरा कॉल मिला है। जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है। डॉक्टर सोहनलाल ने इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों को दे दी है, लेकिन अब तक मुकदमा दर्ज नहीं हो सका है।
ज्ञानवापी केस के पैरोकार के रूप में उन्हें इसके पहले दो बार और जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। पाकिस्तान से आए धमकी भरे कॉल के बाद डॉक्टर सोहनलाल ने कहा कि हिंदुत्व और मंदिर की रक्षा के लिए अगर प्राण भी चला जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता है।
पुलिस प्रशासन की ओर से उनकी सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। डॉ. सोहनलाल ने बताया कि उन्होंने वाराणसी कमिश्नर और डीएम से मिलने का समय भी मांगा है। इस पूरे मामले पर लक्सा थाने में एफआईआर भी दर्ज कराएंगे।
ज्ञानवापी मामले में पांच सितंबर को होगी सुनवाई
ज्ञानवापी मामले में सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में अब पांच सितंबर को सुनवाई होगी। अदालत में विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह के अधिवक्ता मानबहादुर सिंह ने वाद दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक, सर्वे में मिले कथित शिवलिंग की पूजा पाठ के साथ परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग की है।
इसके अलावा तब तक अदालत से यह अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश दिए जाने का अनुरोध किया गया कि आदि विश्वेश्वर की पूजा पाठ करने में अंजुमन इंतजामिया और अन्य विपक्षियों को व्यवधान डालने से रोका जाए। इसी पर आपत्ति देने के लिए कोर्ट से अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने समय देने की मांग की।
इसी के साथ अंजुमन ने वादिनी की तरफ से ज्ञानवापी को लेकर दाखिल नक्शे और मस्जिद गिराने के साक्ष्य के तौर पर औरंगजेब के आदेश संबंधी पर्यटन विभाग के बुकलेट पर भी आपत्ति दाखिल पहले ही की है। इन आवेदनों का निस्तारण अभी होना ही है। इस बीच वाद पोषणीय है या नहीं इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए अंजुमन ने आवेदन दिया है, जिस पर पांच सितंबर को सुनवाई होनी है।