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28 माह बाद सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, बैंक घोटाले का आरोपी सुजय देसाई रिहा
न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की खंडपीठ ने सुजय को सुप्रीम राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि मामले के कई आरोपी विदेश में हैं। वहां सम्मन तामील नहीं हो पा रहे। सुजय काफी समय से जेल में बंद है। मुकदमे की सुनवाई जल्द पूरी होने की कोई संभावना नहीं है, इसलिए वह जमानत का हकदार है।
7820 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड (एफआईएल) के निदेशक सुजय देसाई की 28 माह बाद जेल से रिहाई हो गई है। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मंजूर होने के बाद सुजय की रिहाई संभव हो सकी। इसके साथ ही जेल भेजे गए अब तीनों आरोपी बाहर आ चुके हैं।
विभिन्न बैंकों से धोखाधड़ी के मामले में सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) के डिप्टी डायरेक्टर व विवेचनाधिकारी प्रशांत बलियान की ओर से 15 मई 2020 को 28 व्यक्तियों और 41 कंपनियों समेत कुल 69 आरोपियों के खिलाफ कंपनी कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया गया था। 19 मार्च 2020 को ही सुजय को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
केवल सुजय की एफआईएल कंपनी पर ही 14 निजी बैंकों के लगभग 4041 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। कंपनी कोर्ट से 17 जून 2021 को व हाईकोर्ट से 28 जनवरी 2022 को सुजय की जमानत अर्जी खारिज हुई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की खंडपीठ ने सुजय को सुप्रीम राहत दी है।
कोर्ट ने कहा कि मामले के कई आरोपी विदेश में हैं। वहां सम्मन तामील नहीं हो पा रहे। सुजय काफी समय से जेल में बंद है। मुकदमे की सुनवाई जल्द पूरी होने की कोई संभावना नहीं है, इसलिए वह जमानत का हकदार है। संविधान के अनुच्छेद 21 में मिले जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का लाभ सुजय को देते हुए उसकी जमानत याचिका 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर ली। इसके एक दो दिन बाद उसकी रिहाई हो गई।
सुजय पर ये हैं आरोप
सुजय कमोडिटीस एंड मर्चेंट ट्रेडिंग का व्यापार करने वाली फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड का निदेशक था। लेटर ऑफ क्रेडिट के माध्यम से रकम ली जो एनपीए घोषित हो गई। कंपनी खातों में हेरफेर किया गया। कंपनी घाटे में चल रही थी और रुपया लेने के लिए उसे फायदे में दिखाया गया। बैंक समय-समय पर लिमिट बढ़ाती गई और इस तरह लगभग 4041 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।
दो साल से विदेशी आरोपियों को सम्मन तामील कराने की कवायद
एसएफआईओ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रखे गए तर्क के अनुसार विदेशी आरोपियों में 18 आरोपी कोर्ट में हाजिर हो चुके हैं। इनमें 10 संस्थाएं और आठ व्यक्ति हैं। कंपनी मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष न्यायालय में मामले की सुनवाई चल रही है। दो साल में चार बार विदेश में सम्मन भेजे जा चुके हैं। अंतिम बार चार जून 2022 को सम्मन भेजे गए हैं लेकिन तामीला रिपोर्ट नहीं आ पाई है। 20 विदेशी आरोपी अभी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए हैं। इनमें नौ यूएई में, छह हांगकांग में, चार सिंगापुर में और एक यूके में है।
यह है मुकदमे की वर्तमान स्थिति
आरोपी विक्रम कोठारी की मौत हो चुकी है। हीरा कारोबारी उदय देसाई, उसके बेटे सुजय देसाई और राहुल कोठारी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। सुनील वर्मा और अनूप कुमार बड़ेरा को सर्वोच्च न्यायालय से स्टे मिला हुआ है। अशोक शर्मा, वंदना अग्रवाल, सुधेंद्र जैन एंड कंपनी, गोपाल कृष्ण शुक्ला, राजीव मेहरोत्रा एंड कंपनी, अंजनी क्षेत्रपाल, भार्गव एंड कंपनी, अंकित भार्गव जमानत पर हैं। बिल्डर विश्वनाथ गुप्ता को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली है। मोहन कृष्ण केजरीवाल, गोपाल कृष्ण केजरीवाल व श्रीकृष्ण केजरीवाल के खिलाफ कंपनी कोर्ट ने कुर्की के आदेश दिए थे लेकिन उनको भी सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। उनके खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
विदेशी कंपनियों को लगातार सम्मन भेजे जा रहे हैं। कुछ मामलों में तामीला रिपोर्ट नहीं आ पा रही है। 26 अगस्त को कंपनी मामलों की अदालत में सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे की जल्द सुनवाई के आदेश दिए हैं। अदालत में हाजिर आ चुके आरोपियों की फाइल अलग करवाकर सुनवाई शुरू करने की कोशिश की जा रही है।- कौशल किशोर शर्मा, विशेष शासकीय अधिवक्ता, एसएफआईओ
फैक्ट फाइल
- 15 मई 2020 को कंपनी कोर्ट में एसएफआईओ ने दर्ज किया परिवाद
- 69 आरोपी है कुल परिवाद में
- 41 कंपनियां हैं आरोपी
- 28 व्यक्तियों को भी बनाया गया है आरोपी