उत्तर प्रदेश

प्रिंटिंग प्रेस पर रखी जा रही है नजर, जुलूस के रास्तों में तैनात होगी ATS

Admin4
1 Aug 2022 6:58 PM GMT
प्रिंटिंग प्रेस पर रखी जा रही है नजर, जुलूस के रास्तों में तैनात होगी ATS
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लखनऊ: यूपी में मुहर्रम को देखते हुए डीजीपी मुख्यालय ने दिशा निर्देश जारी किए हैं. डीजीपी मुख्यालय के निर्देशानुसार इस मुहर्रम में कोई भी नई परंपरा नहीं शुरू होनी चाहिए. यही नहीं फील्ड के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि राज्य के सभी प्रिंटिंग प्रेस संचालको से संवाद स्थापित किया जाये, ताकि कोई भी भड़काऊ व आपत्तिजनक पम्पलेट या पोस्टर न छापें. डीजीपी मुख्यालय के मुताबिक मुहर्रम के जुलूसों में भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं, जिनकी सुरक्षा के लिए बॉक्स फॉर्मेट में चारों तरफ पुलिस जवान तैनात किए जाएंगे. जुलूस के आगे-पीछे गैजेटेड अधिकारी तैनात होंगे. यही नहीं जुलूस के मार्ग की सुरक्षा को देखते हुए सघन जांच व तलाशी करने के लिए बम निरोधक दस्ता व एटीएस तैनात रहेगी.

मुहर्रम पर यूपी में 34,293 जुलूस निकाले जाएंगे. सबसे अधिक ताजिये गोरखपुर जोन में 36,755 की संख्या में स्थापित किये जाने हैं. जबकि सबसे अधिक जुलूस बरेली जोन में 23,015 की संख्या में निकाले जाएंगे. जुलूस व ताजिये दफन करने के दौरान कोई नई परंपरा न शुरू की जाए. मुहर्रम की मजलिसों में महिलायें भी शामिल होती हैं. ऐसे में हॉट स्पॉट चिन्हित कर प्रभावी पुलिस व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये हैं.

मुहर्रम संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा 11 कंपनियां केन्द्रीय पुलिस बल की जिलों में भेजी गई हैं. इनमें 4 कंपनी आरएएफ, 2 कंपनी सीआरपीएफ, 1 कंपनी आईटीबीपी, 2 कंपनी एसएसबी, 1 कंपनी बीएसएफ और 1 कंपनी सीआईएसएफ की शामिल हैं. साम्प्रदायिक संवेदनशीलता को देखते हुए 152 कंपनी पीएसी बल सभी जिलों को आवश्यकतानुसार दी गयी है. स्थानीय पुलिस के अतिरिक्त विशेष तौर पर लखनऊ कमिश्नरेट को 12 अपर पुलिस अधीक्षक, 34 पुलिस उपाधीक्षक, 40 निरीक्षक, 175 उप निरीक्षक, 10 महिला उप निरीक्षक, 600 मुख्य आरक्षी/ आरक्षी व 150 प्रशिक्षु आरक्षी प्रदान किये गये हैं.

डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों को आपत्तिजनक पोस्टर व आपत्तिजनक कृत्य की चेकिंग के लिए रोजना सुबह-शाम गस्त करने के निर्देश दिए है. मुख्यालय के निर्देशानुसार सभी जिलों में पुलिस द्वारा स्थानीय प्रिंटिंग प्रेस संचालकों की गोष्ठी कर भड़काऊ, आपत्तिजनक, अवैधानिक तथ्य वाले पोस्टर-पम्पलेट न छापने की सख्त हिदायत देते हुए ऐसे कार्य के लिए आने वाले व्यक्तियों की सूचना स्थानीय पुलिस को देने के लिए कहा गया है. वहीं, सोशल मीडिया में भी सतर्क नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.

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