उत्तर प्रदेश

गर्भवती के लिए प्रदूषण खतरनाक, रहें सावधान : डा. मीरा पाठक

Admin4
5 Nov 2022 11:30 AM GMT
गर्भवती के लिए प्रदूषण खतरनाक, रहें सावधान : डा. मीरा पाठक
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नोएडा। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली यहां तक कि पूरा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बुरी तरह प्रदूषण की चपेट में है। दिल्ली एनसीआर में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 400 के ऊपर पहुंच गया है, जो बहुत ही खतरनाक स्तर पर है। इसके अलावा तमाम गैसों का स्तर मानक से दस गुना तक बढ़ गया है। ऐसे में आम-स्वस्थ लोगों को सांस की दिक्कत, आंखों में जलन, दिल में भारीपन की शिकायत हो रही है। यह परिस्थितियां गर्भवती और उनके गर्भस्थ शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं, इसलिए उन्हें बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है। यह बात वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. मीरा पाठक ने कही।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भंगेल में तैनात डा. मीरा पाठक ने कहा- गर्भावस्था के दौरान प्रदूषण का खराब असर मां और होने वाले बच्चे पर पड़ सकता है, इसलिए हर गर्भवती को कोशिश करनी चाहिए कि वह प्रदूषण से बच कर रहे। डा. पाठक ने बताया- प्रदूषण में तरल व ठोस रूप में कई विषैले तत्व मौजूद होते हैं, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं। मां जब प्रदूषण युक्त वातावरण में सांस लेती है तो होने वाले शिशु को जन्म के साथ ही कार्डियोवस्कुलर रोग व सांस से जुड़ी समस्या सहित कई अन्य रोग हो सकते हैं, क्योंकि गर्भस्थ शिशु मां के शरीर के माध्यम से ही ऑक्सीजन ग्रहण करता है। उन्होंने बताया प्रदूषण गर्भावस्था में शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। शुद्ध वायु की कमी के कारण तनाव, डिप्रेशन और सोने में दिक्कत जैसी समस्या हो सकती है।
गर्भावस्था में प्रदूषण से होने वाले नुकसान
डा. मीरा पाठक ने बताया गर्भावस्था के दौरान महिला यदि प्रदूषित वातावरण में ज्यादा समय रहती है, तो तीसरी तिमाही में गर्भस्थ शिशु को ऑटिज्म होने का खतरा रहता है। इसके अलावा प्रदूषण में ज्यादा समय बिताने से गर्भ गिरने की आशंका बढ़ जाती है, क्योंकि गर्भस्थ शिशु ठीक तरह से ऑक्सीजन ग्रहण नहीं कर पाता है। इसी कारण लो बर्थ रेट, प्रीमैच्योर जन्म आदि का खतरा भी रहता है।
अस्थमा पीड़ित गर्भवती को ज्यादा खतरा
गर्भवती यदि अस्थमा से पीड़ित है तो उसे प्रदूषण से सांस लेने की दिक्कत के अलावा ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ सकती है, जो आगे चलकर किडनी व लिवर पर विपरीत असर डाल सकती है। ऐसी स्थित में गर्भस्थ शिशु का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।
ऐसे कर सकते हैं बचाव
यदि बाहर जाना ज्यादा जरूरी नहीं तो घर में ही रहें।
बाहर जाना ही पड़े तो मास्क लगाकर ही निकलें, मल्टी लेयर गीले कपड़े का मास्क लगायें ।
घर के अंदर की वायु को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए नागफनी, एलोवेरा व रबर के पौधे घर में लगाएं।
हवा साफ रखने के लिए घर में एयर प्यूरीफायर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
सुबह- शाम घर से बाहर निकलने से परहेज करें।
सांस लेने में कठिनाई हो रही है या घबराहट तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
विशेषज्ञों के अनुसार कितना होना चाहिए एक्यूआई
0-50 के बीच अच्छा
51 से 100 के बीच संतोषजनक
101 से 200 के बीच सामान्य
201 से 300 के बीच खराब
301 से 400 के बीच बहुत खराब
इससे ऊपर खतरनाक
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