उत्तर प्रदेश

PM मोदी-अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अपनी 'विरासत पर गर्व' की पुनर्प्रतिष्ठा

Admin4
29 Sep 2022 10:37 AM GMT
PM मोदी-अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अपनी विरासत पर गर्व की पुनर्प्रतिष्ठा
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अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण को अपनी ''विरासत पर गर्व'' की पुनर्प्रतिष्ठा और विकास का ''नया अध्याय'' बताया और कहा कि जिस तेज गति से यह काम हो रहा है वह पूरे देश को रोमांचित करने वाला है. अयोध्या में सरयू नदी के नजदीक स्थित लता मंगेशकर की 93वीं जयंती के अवसर पर उनके नाम पर एक चौक के लोकार्पण के अवसर पर प्रसारित अपने वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक, राम भारत के कण-कण में समाये हुये हैं. लता मंगेशकर के प्रसिद्ध भजन ''मन की अयोध्या तब तक सूनी, जब तक राम ना आए'' का स्मरण करते हुए मोदी ने कहा, ''अयोध्या के भव्य मंदिर में श्रीराम आने वाले हैं और उससे पहले करोड़ों लोगों में राम नाम की प्राण प्रतिष्ठा करने वाली लता दीदी का नाम, अयोध्या शहर के साथ हमेशा के लिए स्थापित हो गया है.''
प्रधानमंत्री ने बताया कि अयोध्या में जब राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन संपन्न हुआ था तब उनके पास लता मंगेशकर का फोन आया था और वह बहुत भावुक थीं तथा आनंद से भर गई थीं. मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिरकार राम मंदिर का निर्माण शुरू हो रहा है. इससे पहले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ''भारत रत्न'' लता मंगेशकर के नाम पर विकसित चौराहे का उद्घाटन किया. इस मौके पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी भी मौजूद थे. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अयोध्या में सरयू नदी के किनारे पर स्थित लता मंगेशकर चौराहे को 7.9 करोड रुपए की लागत से तैयार किया गया है. इस चौराहे पर 14 टन वजन की 40 फुट लंबी और 12 मीटर ऊंची वीणा स्थापित की गई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रभु राम तो हमारी सभ्यता के प्रतीक पुरुष हैं. राम हमारी नैतिकता, हमारे मूल्यों, हमारी मर्यादा और हमारे कर्तव्य के जीवंत आदर्श हैं. अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक, राम भारत के कण-कण में समाये हुये हैं. भगवान राम के आशीर्वाद से आज जिस तेज गति से भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, उसकी तस्वीरें पूरे देश को रोमांचित कर रही हैं. ये अपनी 'विरासत पर गर्व' की पुनर्प्रतिष्ठा भी है और विकास का नया अध्याय भी है.''
उन्होंने कहा कि लता चौक को जिस स्थान पर विकसित किया गया है वह अयोध्या में सांस्कृतिक महत्व के विभिन्न स्थानों को जोड़ने वाले प्रमुख स्थलों में से एक है. उन्होंने कहा कि लता दीदी के नाम पर चौक के निर्माण के लिए इससे बेहतर स्थान और क्या हो सकता है. जिस तरह अयोध्या ने कितने युगों के बाद भी राम को हमारे मन में साकार रखा है वैसे ही लता दीदी के भजनों ने हमारे अंतर्मन को राममय बनाए रखा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह लता दीदी हमेशा नागरिक कर्तव्यों को लेकर बहुत सजग रही हैं, वैसे ही लता मंगेशकर चौक भी अयोध्या में रहने वाले और वहां आने वाले लोगों को कर्तव्य परायणता की प्रेरणा देगा. यह चौक हमारे देश में कला जगत से जुड़े लोगों के लिए भी एक प्रेरणा स्थली की तरह कार्य करेगा. मोदी ने कहा कि लता मंगेशकर के स्वर युगों-युगों तक देश के कण-कण को जोड़ें रखेंगे, इसी विश्वास के साथ उन्हें अयोध्यावासियों से भी उनकी कुछ अपेक्षाएं भी हैं क्योंकि निकट भविष्य में वहां भव्य राम मंदिर बनना है. उन्होंने कहा कि देश के कोटि-कोटि लोगअयोध्या आने वाले हैं. आप कल्पना कर सकते हैं कि अयोध्यावासियों को अयोध्या को कितना भव्य सुंदर और स्वच्छ बनाना होगा.
इसकी तैयारी आज ही से करनी चाहिए ताकि जब कोई भी यात्री यहां आए तो राम मंदिर की श्रद्धा के साथ-साथ अयोध्या की व्यवस्थाओं, उसकी भव्यता और मेहमाननवाजी के अनुभव को अपने साथ लेकर जाए. अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र सिंह ने बताया कि लता मंगेशकर चौक पर लगाई गई वीणा का निर्माण पद्मश्री राम सुतार ने दो महीने के अंदर किया है. इससे पहले, प्रधानमंत्री ने सुबह एक ट्वीट कर भी लता मंगेशकर को याद किया. उन्होंने कहा, ''लता दीदी को उनके जन्मदिन पर स्मरण कर रहा हूं. उनके बारे में बहुत सारी बातें याद आती हैं. मुझे खुशी है कि आज अयोध्या में एक चौक का नामकरण उनके नाम पर किया जा रहा है. यह भारत की एक महान विभूति के लिए उपयुक्त श्रद्धांजलि है.'' गौरतलब है कि पिछली फरवरी में लता मंगेशकर के निधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या के प्रमुख चौक का नाम लता मंगेशकर के नाम पर किए जाने की घोषणा की थी. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री आदित्यनाथ लगातार लता मंगेशकर चौक के निर्माण की निगरानी कर रहे थे और तेजी के साथ लता मंगेशकर चौक का निर्माण किया गया है. राम नगरी की ह्रदय स्थली नयाघाट चौराहा अब लता मंगेशकर चौक के रूप में जाना जाएगा.

न्यूज़ क्रेडिट: firstindianews

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