उत्तर प्रदेश

समय-समय पर आंखों का परीक्षण बेहद जरूरी : डा. दिव्या

Shantanu Roy
14 Oct 2022 5:44 PM GMT
समय-समय पर आंखों का परीक्षण बेहद जरूरी : डा. दिव्या
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मुजफ्फरनगर। मौंगा देवी वृद्धा आश्रम, पटेल नगर में स्थित मौंगा देवी वृद्धा आश्रम में आज शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा की ओर से नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया,। जिसमें बुजुर्गों की आंखों की जांच की गई तथा वउन्हें दवा का वितरण किया गया और खाद्य सामग्री प्रदान की गयीं।भी वितरित की गई। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता बीना शर्मा, नेत्र परीक्षण अधिकारी हिमांशु, रुची श्रीवास्तव, रविंद्र व लक्ष्मी उपस्थित रहीं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा ने बताया- कि अक्सर उम्र अधिक होने के कारण आंखें कमजोर हो जाती हैं। ऐसे में समय- समय पर आंखों का परीक्षण होना बेहद जरूरी है। जो वृद्ध अस्पताल नहीं जा सकते उनके लिए आज शुक्रवार को इस शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में वृद्धाओं ने इसका लाभ लिया। और दवाई का वितरण किया गया। इस दौरान वृद्धों को खाद्य सामग्री भी वितरित की गई। डॉ. राकेश बंसल ने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा है कि यदि किसी की आंखों में किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो वह जिला अस्पताल आकर आंखों का परीक्षण करवाएं, आँखों का का स्वस्थदुरुस्त रहना होना बेहद जरूरी है।
समाजसेवी बीना शर्मा ने बताया कि - समय-समय पर इस तरह के शिविर लगते रहने चाहिए, जिससे लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि - वृद्धा आश्रम में जो वृद्ध अस्पताल नहीं जा सकते उनको खास लाभ देने के उद्देश्य से यह नेत्र परीक्षण शिविर फायदेमंद है। काफी वृद्धों ने इसका लाभ लिया। इस तरह के शिविर समाज हित में है। उन्होंने कहा कि - हमारा मेन मुख्य उद्देश्य जरूरतमंदों को हर सुविधा मुहैया कराना और हर सुख दुख में अपने लोगों उनके बीच में पहुंचकर उनकी मदद करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। नेत्र परीक्षण अधिकारी हिमांशु ने बताया कहा कि - आंखें ईश्वर की अनमोल देन है, मोबाइल-लैपटॉप उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है। इसकी जरूरत से अधिक उपयोग से आंखों की परेशानी बढ़ जाती है। आंखों की रोशनी कम होने का प्रमुख कारण लेटकर पढ़ने की आदत, अंधेरे में पढ़ना, लंबे समय तक आंखें गड़ाकर लगातार मोबाइल, लैपटॉप देखना है। गलत खानपान की वजह से भी आंखों पर असर पड़ता है। एक मिनट में कम से कम 10 से 15 बार पलकें झपकना चाहिए, इससे कार्निया में तरलता बनी रहती है।
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