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- डेंगू और मलेरिया का...
वर्ष 2018 में डेंगू व मलेरिया के रोगियों के मामले में जिला प्रदेश में टॉप पर था। इसके बाद कोरोना ने दस्तक दी तो मरीजों की जांच कम होने पर मामलों की संख्या नहीं बढ़ी लेकिन अब फिर डेंगू व मलेरिया का प्रकोप चरम पर है। गांवों में हर घर में बुखार का मरीज है। सबसे गंभीर स्थिति मीरगंज ब्लॉक की है। यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल 30 बेड हैं। इनमें से छह बेड डेंगू-मलेरिया रोगियों के लिए आरक्षित हैं, मगर रोगियों की संख्या अधिक है। ऐसे में एक-एक बेड पर तीन-तीन मरीज भर्ती हैं।
मीरगंज क्षेत्र में दो मरीजों की हो चुकी है मौत
जिले में सबसे अधिक डेंगू का प्रकोप मीरगंज के गांवों में है। हुरहुरी व पैगानगरी गांव निवासी दो मरीजों की डेंगू से मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार मीरगंज ब्लाक क्षेत्र में अब तक 42 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। वहीं लगातार सीएचसी पर बुखार से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
अन्य मरीजों को संक्रमण का खतरा
शासन के निर्देश हैं कि डेंगू और मलेरिया के मरीजों को बिना मच्छरदानी लगाए भर्ती नहीं करना है। बावजूद इसके मीरगंज सीएचसी पर डेंगू और मलेरिया ग्रसित मरीजों को बिना मच्छरदानी के ही भर्ती किया जा रहा है ऐसे में सामान्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को भी संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है।
मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते एक बेड पर एक से अधिक मरीज भर्ती करने पड़ रहे हैं। रोगियों का इलाज प्राथमिकता है। मच्छरदानी विभाग की ओर से नहीं उपलब्ध कराई गई है।