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200 खाद्य पदार्थों में से 104 नमूने फेल, दूध-पनीर, हल्दी-तेल और मिर्च तक मिलावटी
एफएसडीए द्वारा मेरठ में जारी की गई 200 खाद्य पदार्थों की रिपोर्ट में 104 नमूने जांच में फेल निकले हैं। मिलावट करने वालों के खिलाफ कोर्ट ने पिछले वर्ष 23 लाख 15 हजार जुर्माना वसूला है, उसके बाद भी मिलावटखोर नहीं सुधर रहे हैं। इस साल अब तक 200 खाद्य पदार्थों की रिपोर्ट आई है।
खाएं तो क्या खाएं... मिलावट से शायद ही कोई खाने की चीज अछूती रह गई है। मुनाफे के लिए मिलावटखोर दूध-पनीर, तेल, मिर्च, हल्दी जैसी रोजमर्रा की चीजों को धीमा जहर बनाकर बेच रहे हैं। इस कारण मनुष्य का शरीर बीमारियों का घर बनता जा रहा है।
सख्त कार्रवाई न होने के कारण ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं। इस साल अगस्त तक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) द्वारा लिए गए 200 खाद्य पदार्थों की रिपोर्ट आई है, जिसमें 104 नमूने जांच में फेल निकले हैं। इनमें 47 अधोमानक हैं, 22 असुरक्षित हैं और 35 मिथ्याछाप के मामले हैं।
हल्दी में मेटानिल येलो केमिकल की मिलावट निकली है, मिठाइयों को चमकाने के लिए ज्यादा मात्रा में फूड कलर मिलाया गया था। सरसों के तेल में पाम आयल निकला है। मिलावट करने वालों के खिलाफ कोर्ट ने 43 लाख 65 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है, हालांकि मिलावटखोर फिर भी सुधर नहीं रहे हैं।
लचर प्रशासनिक कार्यप्रणाली के कारण मिलावटखोरों पर पूरी तरह से शिकंजा नहीं कस पाता है। मिलावट के लगभग सभी मामलों में जुर्माना लगता है। सजा नहीं हो पाती है। जिले में पिछले पांच साल में सजा का कोई मामला नहीं है। हालांकि, भारतीय दंड संहिता में मिलावटखोरों पर कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन मिलावट से संबंधित 90 फीसदी मामले प्रशासनिक कोर्ट में स्थानांतरित हो जाते हैं, जिस कारण वह न्यायालय की कार्रवाई से बच जाते हैं।
यह वसूला गया जुर्माना
2021-22 43.65 लाख
2020-21 41.33 लाख
2019-20 70.88 लाख
2018-19 60.73 लाख
दिल-गुर्दे और आंत के लिए खतरनाक
फिजिशियन डॉ. तनुराज सिरोही ने बताया कि मिलावटी खाने से किडनी और पेट संबंधी रोग हो सकते हैं। ऐसे खाने से दूर रहें। मिलावटी तेल और घी का दिल पर तेजी से असर होता है। धमनियों में चिकनाई जम जाती है। हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
दावा : जारी है कार्रवाई
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिव कुमार ने बताया कि विभाग की टीमें लगातार सक्रिय हैं। खाद्य पदार्थों के सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे जाते हैं और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाती है