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एसटीएफ समेत 15 के खिलाफ हत्या का मुकदमा, चित्रकूट में पूर्व एसपी, दो थाना प्रभारी
मारे जा चुके डकैत गौरी यादव गैंग के हार्डकोर सदस्य भालचंद्र यादव इनकाउंटर मामले में करीब दस माह बाद थाना बहिल पुरवा में पुलिस ने पूर्व एसपी, एसटीएफ के दो सब इंस्पेक्टर, स्वाट टीम, दो थाना प्रभारियों समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र की अदालत ने पिछले दस माह पहले मृतक की पत्नी की अर्जी पर थाना प्रभारी बहिल पुरवा को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे।
सीमा से सटे एमपी के नयागांव थाना क्षेत्र के पड़मनिया निवासी भालचंद्र यादव को यूपी एसटीएफ व पुलिस ने मिलकर 31 मार्च 2021 को बहिल पुरवा थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। उस पर 25 हजार का इनाम भी था। पुलिस व एसटीएफ का दावा रहा कि भालचंद्र डकैत गौरी गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा है। इधर भालचंद्र की पत्नी नथुनिया ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित चित्रकूट की अदालत में कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र दिया। आरोप लगाया कि उसका पति पेशी में सतना गया था।
रास्ते में उसे पकड़ लिया गया और फर्जी मुठभेड़ दिखाकर हत्या की गई है। उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई थी। उसकी कई हड्डियां टूट गई थी। पिछले दस माह पहले न्यायालय ने इस मामले में तत्कालीन एसपी अंकित मित्तल, यूपी एसटीएफ के सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी, संतोष सिंह, एचसी उमाशंकर, आरक्षी भूपेन्द्र सिंह, शिवानंद शुक्ला, तत्कालीन स्वाट टीम प्रभारी श्रवण सिंह, अनिल साहू, रईस खान, धर्मेन्द्र वर्मा, राहुल यादव, तत्कालीन थाना प्रभारी बहिल पुरवा दीनदयाल सिंह, हमराही रामकेश कुशवाहा, तत्कालीन थाना प्रभारी रमेशचंद्र व हमराही एवं तीन-चार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज न हो, इसके लिए उच्च न्यायालय की शरण ली। करीब दस माह तक मामला चलता रहा। एसपी अतुल शर्मा ने बताया कि न्यायालय ने मुकदमा न दर्ज करने की अर्जी नामंजूर कर दी है। हालांकि अभी रिट निरस्त नहीं हुई है। बताया कि बहिल पुरवा थाना में न्यायालय के आदेशानुसार मुकदमा दर्ज किया गया है।