उत्तर प्रदेश

अहोई अष्ठमी के पर्व पर संतान की दीर्घायु को माताओं ने रखा निर्जल व्रत

Shantanu Roy
18 Oct 2022 5:21 PM GMT
अहोई अष्ठमी के पर्व पर संतान की दीर्घायु को माताओं ने रखा निर्जल व्रत
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मुजफ्फरनगर। अहोई अष्टमी के दिन महिलाओं ने अपने बच्चों की दीर्घायु एवं अच्छे स्वास्थ्य व उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए निर्जल व्रत रखा। बता दे कि अहोई अष्ठमी के दिन माताऐं अपनी संतानों के उज्जवल भविष्य एवं अच्छे स्वास्थ्य के लिए उषाकाल (सूर्योदय)से लेकर गोधूली वेला (सूर्यास्त) तक व्रत करती है। वहीं शाम के समय तारों को देखने के बाद व्रत खोलती हैं। आपको बता दें कि कुछ महिलाएं चंद्रमा को देखने के बाद व्रत खोलती हैं, मगर इसका अनुसरण बहुत ही कठिन होता हैं, क्योंकि रात्रि के समय चंद्रोदय देर से होता हैं।
अहोई अष्टमी के पर्व को माताओं के द्वारा श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया हैं। हिन्दू धर्म में इस दिन सभी माताएं सुबह से लेकर शाम तक निर्जल व्रत करती हैं। वहीं माताओं के द्वारा एक समूह बनाया जाता हैं, जिसमें कहानी सुनी जाती हैं। इस दौरान माताएं भगवान से अपनी संतान के उज्जवल भविष्य एवं दीर्घायु की कामना करती हैं। वहीं बाजारों में भी अहोई अष्टमी के पूजन के सामान की खरीददारी जमकर की गई। इस दौरान कुछ महिला दुकानदारों के द्वारा बताया गया हैं कि पिछले वर्ष से इस वर्ष ज्यादा खरीददारों की संख्या बाजारों में देखी जा रही हैं। उनका कहना हैं कि गत वर्ष तो सभी त्यौहार कोरोना काल के गाल में चले गये थे, मगर इस वर्ष अच्छी दुकानदारी हो रही हैं।
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