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136 किलोमीटर सड़क में और हो गए गड्ढे, लोक निर्माण विभाग की सर्वे में खुलासा
जिले में कई दिनों तक बारिश के बाद खस्ताहाल हुई सड़कों पर सफर हिचकोले खा रहा है। लोगों को आवागमन करने में दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, लोक निर्माण दावा कर रहा है कि बारिश रुकने के बाद नए सर्वे के आधार पर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान शुरू कर दिया गया है, लेकिन इन दावों में अभी दम नहीं दिख रहा है। नए सर्वे की रिपोर्ट बता रही है कि जिले की 576 किलोमीटर में गड्ढे हैं। ऐसे में छह माह के अंदर 136 किलोमीटर सड़क में गड्ढे बढ़ गए हैं
जिले की सड़कें हों या फिर शहर की। इन दिनों यह सड़कें राहगीरों को दर्द दे रही हैं। इन पर चलना खुद की जान काे खतरे में डालने से कम नहीं है। बारिश से पहले ही सड़काें की हालत दयनीय थी, लेकिन बारिश के बाद समस्या और बढ़ गई है। बदहाल सड़कों की सूरत को संवारने के लिए पीडब्ल्यूडी ने मई माह में ही सर्वे कराया था, लेकिन गड्ढों को भरने की फुर्सत नहीं मिली। हाल के दिनों में हुई बारिश से पूर्व विभाग ने पुराने सर्वे के आधार पर गड्ढों को भरने की तैयारी की थी, लेकिन उससे ठीक पहले चार दिन हुई बारिश ने तैयारी रोक दी थी। बारिश के बाद ही मिनी बाईपास पर गड्ढे में ई-रिक्शा पलटने से चालक की मौत हो गई थी।
अब बारिश के बाद पीडब्ल्यूडी ने जर्जर हुई सड़कों को लेकर नया सर्वे कराया है। उस सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार जिले में प्रातीय खंड और निर्माण खंड की सड़कों में अब 576 किमी. में गड्ढे हैं। जबकि, मई की रिपोर्ट में दोनों खंडों में 440.69 किलोमीटर सड़क खस्ताहाल पाई गई थीं। उसमें 331.41 किमी. में गड्ढे थे, जबकि 109.28 किलोमीटर सड़क का नवीनीकरण होना था।
पिछले पांच माह में गड्ढा युक्त 331.41 किलोमीटर सड़कों में से 172.11 किमी. सड़कों को ही गड्ढों से मुक्त करने के दावे विभाग की ओर से किए जा रहे हैं, लेकिन बारिश के बाद अब हालात कुछ और ही होंगे, जबकि 109.28 किलोमीटर में से बारिश के पूर्व तक 7.9 किमी. ही सड़क का नवीनीकरण हो सका था। मई और अब के सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि छह माह में 136 किमी. में जिले की सड़कों में गड्ढे और हो गए हैं। आंकड़ों के अनुसार हर माह 23 किमी. सड़क में गड्ढे हुए हैं।
सर्वे हुआ पर मरम्मत कार्य नहीं पकड़ रहा तेजी
बारिश थमने के बाद विभाग ने सर्वे कराकर रिपोर्ट भले ही तैयार कर ली हो, लेकिन इसके बाद भी सड़कों के मरम्मत का कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। शहर की पीलीभीत सड़क हाे, चौपुला की सड़क, गांधी उद्यान के सामने वाली सड़क हो। अभी इन सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का काम शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब यह हाल शहर की सड़कों का है ताे जिले की सड़कों की मरम्मत को लेकर विभाग कितना संजीदा होगा। ऐसा तब है, जब सीएम ने भी 15 नवंबर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का आदेश दे रखा है।
तत्काल राहत…बाद में समस्या बढ़ा रही पैचिंग
जर्जर सड़कों का मामला तूल पकड़ने के बाद लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार राहगीरों को तत्काल राहत देने के मकसद से सड़कों पर पैचिंग का काम करा देते हैं, लेकिन चंद दिनों बाद सड़क उखड़ जाती है। बजरी सड़क पर बिखकर जाती है। इस वजह से हादसे होते हैं। पीलीभीत सड़क को ही ले लीजिए। बारिश से पहले कई जगहों पर गड्ढों को भरा गया था, लेकिन आज वहां पर और बड़े गड्ढे हो गए हैं।
प्रातीय खंड और निर्माण खंड की सड़कों का नया सर्वे हाे गया है। यह बारिश के बाद का सर्वे है। 14 अक्टूबर को ही सर्वे की रिपोर्ट पर हस्ताक्षर किए हैं। कई जगहों पर गड्ढा मुक्त करने का काम शुरू हो चुका है। 15 नवंबर तक सड़क पर गड्ढे नहीं दिखेंगे। – नारायण सिंह, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड