उत्तर प्रदेश

16 अक्टूबर तक चलेगा मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता सप्ताह

Shantanu Roy
8 Oct 2022 2:29 PM GMT
16 अक्टूबर तक चलेगा मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता सप्ताह
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फर्रुखाबाद। 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसी क्रम में फर्रुखाबाद में 10 से 16 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता सप्ताह मनाया जाएगा। मानसिक स्वास्थ्य के नोडल डॉ. दलवीर सिंह का कहना है कि वर्तमान में हमारे जीवन शैली में बदलाव हो रहा है। अपने आप में उलझे रहना और सामाजिक जीवन से दूरी चिंता और तनाव का कारण बनते जा रहा है। आगे जाकर यही डिप्रेशन के साथ इस तरह की अन्य मानसिक बीमारियों की वजह बन जाती है। सोमवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस है। ऐसे में जिले की सभी स्वास्थ्य इकाईयों पर गोष्ठी का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दुनिया में बहुत से लोग सोशल स्टिग्मा, डिमेंशिया, हिस्टीरिया, एंजाइटी, आत्महीनता जैसी कई समस्याओं और बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसी तरह की मानसिक दिक्कतों को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के मकसद से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद है कि लोग मानसिक परेशानियों के प्रति जागरूक हों और समय रहते डॉक्टर सहायता ले सकें। साथ ही मानसिक परेशानियों से जूझ रहे लोगों की कठिनाई को उनके दोस्त, रिश्तेदार व समाज भी समझ सकें। इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य और भलाई को वैश्विक प्राथमिकता बनाएं निर्धारित की गई है। 10 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक जिले की सभी सीएचसी, सिविल अस्पताल लिंजीगंज और डॉ. राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता सप्ताह मनाया आएगा। इस दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात एनसीडी डॉक्टर और काउंसलर द्वारा लोगों को मानसिक तनाव से बचने के उपायों के बारे में बताया जाएगा। सिविल अस्पताल लिंजीगंज में एनसीडी के डॉ. ऋषि नाथ गुप्ता ने बताया कि किशोरावस्था और वयस्कता के शुरुआती वर्ष जीवन का वह समय होता है, जब कई बदलाव होते हैं। उदाहरण के लिए स्कूल बदलना, घर छोड़ना और कॉलेज, विश्वविद्यालय या नई नौकरी शुरू करना है। कई लोगों के लिए ये रोमांचक समय होता है और कुछ मामलों में यह तनाव और शंका का समय हो सकता है। यह तनाव मानसिक रोग उत्पन्न कर सकता है। उन्होंने बताया कि जो लोग किसी वजह से परेशान हैं यानि डिप्रेशन में जी रहे हैं, उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि अधिकतर अकेले में रहने वाले डिप्रेशन रोगी परेशान होकर गलत कदम उठा लेते हैं। ऐसे लोगों पर ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। मानसिक अस्वस्थता किसी भी उम्र में हो सकती है।
डॉ. ऋषि नाथ गुप्ता ने बताया यदि किसी को मानसिक अस्वस्थता है तो उसे तनाव को नियंत्रित करना होगा, नियमित चिकित्सा पर ध्यान देना होगा, पर्याप्त नींद लेनी होगी। समस्या से ग्रसित व्यक्ति पौष्टिक आहार लें व नियमित व्यायाम करें। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी निशुल्क सेवा के लिए और मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के निदान के लिए 104 पर कॉल करके जरुरी परामर्श ले सकते हैं।
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