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मुज़फ्फरनगर। जमियत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि बड़ी संख्या में मोब लिंचिंग हो रही है। उन्होंने गुजरात के खेड़ा का उदाहरण दिया। कहा कि खंभे में बांधकर किस तरह लोगों को पीटा गया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या उनका अपना कोई मानवाधिकार नहीं है। क्या कोई कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी अपराधी के भी अपने अधिकार होते हैं। मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि किसी भी अपराधी को सजा देने का अधिकार कानून को है। किसी को भी सरेआम पीटना बर्बरता है।
उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में 29 अक्टूबर को दिल्ली में सद्भावना सम्मेलन प्रस्तावित है जो देश की एकता और अखंडता को बाकी रखने में अहम रोल अदा करेगा। देशवासियों में प्रेम और आपसी भाईचारा बनाए रखना ही हमारा संकल्प है।
जमियत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन ने शनिवार को खालापार स्थित मस्जिद उमर खां में उलेमाओं के साथ बैठक की। मौलाना ने बैठक में शामिल मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों तथा उलेमाओं से कहा कि वे समाज में शिक्षा का व्यापक प्रचार प्रसार करें। उन्होंने कहा कि जब तक मुस्लिम समाज अपना शैक्षिक तौर से उत्थान नहीं करेगा बाकी क्षेत्र में उसका विकास संभव नहीं।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक महीने सदभावना संसद का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जनपद में भी सदभावना संसद होनी है। उसकी तारीख तय हो गई है। उन्होंने कहा कि आने वाली 13 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में कार्यक्रम होना है।
मदरसों की जांच सवाल पर उन्होंने कहा कि वह हो चुकी है। मुस्लिम समाज को इस समय सबसे अधिक आवश्यकता शिक्षा की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के रास्ते पर चलकर ही अपना और देश का विकास किया जा सकता है।
केन्द्र और प्रदेश सरकार के बारे में सवाल किये जाने पर उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारें हैं, और वे लोग इस देश के नागिरक हैं। इसलिए उन्हें अपनी सरकारों से डरने की क्या आवश्यकता। उन्होंने कहा कि वे लोग वर्तमान में देश में कौमी इकजहती यानी धार्मिक एकता पर कार्य कर रहे हैं। आपसी मोहब्बत और प्यार से ही देश आगे बढ़ेगा। कहा कि जमियत का इतिहास रहा है कि उसने हमेशा देश के हित में काम किया। आजादी की जंग में उलेमाओं ने अपनी जान की कुर्बानियां पेश की।
इस मौके पर जमियत के प्रदेश सचिव कारी जाकिर, जिला अध्यक्ष मुफ्ती बिन यामीन, कारी बहमद्दल्ला आदि शामिल रहे।
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