उत्तर प्रदेश

प्रमुख चिकित्सक डा.अनुभव सिंघल सीएमओ आफिस में धरने पर बैठे, घंटों चला हाईवोल्टेज ड्रामा

Shantanu Roy
13 Oct 2022 10:51 AM GMT
प्रमुख चिकित्सक डा.अनुभव सिंघल सीएमओ आफिस में धरने पर बैठे, घंटों चला हाईवोल्टेज ड्रामा
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मुजफ्फरनगर। जिले के प्रतिष्ठित और विशेषज्ञ चिकित्सक को भी एक छोटी-सी परमिशन हासिल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के दरवाजे पर करीब तीन माह से परेशान होकर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। अब उनकी पत्रावली को ही सीएमओ कार्यालय से गायब कर दिया गया। इस पर नाराज चिकित्सक ने विभागीय लापरवाही के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सीएमओ कार्यालय पर ही धरना जमा लिया। इससे विभाग में हड़कंप मच गया। चिकित्सक का कहना है कि जब उनके जैसे जिम्मेदार व्यक्ति के साथ यह रवैया है, तो इस सरकारी सिस्टम से आम जनता कितना प्रभावित होकर उत्पीडऩ सह रही होगी। इस मामले में आईएमए के हस्तक्षेप के बाद सीएमओ ने मौके पर पहुंचकर निपटारा कराया।
भोपा रोड स्थित ईवान हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डा. अनुभव सिंघल अपनी एक फाइल पर सीएमओ की परमिशन लेने के लिए सीएमओ दफ्तर पहुंचे, जिस पर सम्बंधित पटल से उनकी फाइल को गायब हो जाना बताया गया। डा. अनुभव सिंघल का आरोप है कि उनको एक छोटी सी अनुमति पाने के लिए गंभीर उत्पीडऩ और स्वास्थ्य विभाग के सरकारी आतंकवाद से शोषण झेलना पड़ रहा है। शाम के समय सीएमओ दफ्तर पहुंचे डा. अनुभव सिंघल ने इस लापरवाही के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सीएमओ दफ्तर में ही धरना शुरू कर दिया। इससे विभाग में हड़कम्प मच गया। आरोप है कि कर्मचारियों ने कार्यालय से छुट्टी का समय होने के कारण उनको उसी कमरे में बंद करने का भी प्रयास किया।
डा. अनुभव सिंघल ईवान हॉस्पिटल में एक अनुभवी कार्डियोलाजिस्ट के रूप में सेवा प्रदान कर रहे हैं। डा. अनुभव सिंघल ने बताया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत उनकी एक फाइल सीएमओ कार्यालय में करीब तीन माह से लंबित है, उस पर एक परमिशन पाने के लिए उनको लगातार परेशानी उठानी पड़ रही है। इस मामले में काफी तनावग्रस्त भी हो गये, लेकिन उनकी फाइल निस्तारित नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा भोपा रोड पर एसडी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अपनी इको मशीन लगाई गयी है। वह उसको सेल करना चाहते हैं। इसके लिए उसका रजिस्ट्रेशन, जोकि सीएमओ कार्यालय में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत किया जाता है, को वह रद्द कराने के लिए नियमानुसार आवेदन कर चुके हैं। जब तक सीएमओ कार्यालय से सेल परमिशन जारी नहीं की जाती है, वह मशीन को सेल नहीं कर पायेंगे। इस छोटे से काम के लिए उनको तीन महीने से सम्बंधित पटल के प्रभारी, लिपिक और कर्मचारी परेशान करते हुए चक्कर कटवा रहे हैं।
डा. अनुभव सिंघल ने बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने सीएमओ डा. एमएस फौजदार से भी की। सीएमओ ने सम्बंधित नोडल अफसर डा. प्रशांत को सेल परमिशन जारी कराने के निर्देश दिये, लेकिन आज तक भी उनका मामला लंबित है। आज भी वह हॉस्पिटल में मरीजों को छोड़कर इसी फाइल का स्टेटस जानने के लिए सीएमओ ऑफिस पहुंचे थे, तो सम्बंधित लिपिक उनको नहीं मिले। दूसरे कर्मचारी से जानकारी चाही तो पहले तो ना नुकुर की गयी और फिर बताया कि मेरी फाइल कार्यालय से गुम हो गयी है। कर्मचारी से यह सुनकर डा. अनुभव सिंघल का पारा चढ़ गया और उन्होंने वही कमरे में धरना दे दिया। कर्मचारी उनको उठाने का प्रयास करते रहे। डा. अनुभव सिंघल का कहना है कि यह खुला सरकारी आतंकवाद है। जब उनके जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति का इतना गंभीर उत्पीडऩ सीएमओ कार्यालय से हो सकता है, तो यहां पर आने वाले आम आदमी के साथ इनका रवैया कैसा होता होगा?
उन्होंने कहा कि कुछ कर्मचारी उनको कमरे से बाहर निकालने के प्रयास में कार्यालय की छुट्टी होने की बात कहते रहे और उनको कमरे में बंद करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि सीएमओ के बारे में पूछा गया तो पता चला कि वह सहारनपुर में मंडलायुक्त की बैठक में गये हुए हैं। इस मामले की जानकारी मिलते ही आईएमए अध्यक्ष डा. ललिता माहेश्वरी, डा. यूसी गौड, डा. अनुभव जैन, डा. अमित समेत दर्जनों चिकित्सक व भाजपा नेता श्रीमोहन तायल भी पीसीपीएन डीटी कार्यालय पहुंच गये और हंगामा शुरू कर दिया। काफी देर तक हंगामा होने के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एमएस फौजदार सहारनपुर में बैठक से सीधे मौके पर पहुंचे और तुरंत आदेश बनवाकर मामले का निस्तारण कराया। इसके बाद मामला निपट सका।
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