उत्तर प्रदेश

लोकतंत्र के स्तंभो का ज्ञान व्यक्ति निर्माण में सार्थक भूमिका: दिनेश दूबे

Shantanu Roy
20 Oct 2022 10:46 AM GMT
लोकतंत्र के स्तंभो का ज्ञान व्यक्ति निर्माण में सार्थक भूमिका: दिनेश दूबे
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सुलतानपुर। सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्र संसद व कन्या भारती के सांसदों, मंत्रियों व प्रधानमंत्री, सेनापति को शपथ दिलाते हुए जिले के वरिष्ठ पत्रकार दिनेश दूबे ने कहा कि देश के लोकतंत्र में चार स्तम्भ विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया कथित रूप से चौथे स्तम्भ के रूप में काम कर रहा है। इसमें कोई भी स्वतंत्र नहीं है। सभी एक दूसरे की निगरानी कर रहे हैं। जिसका लघु स्वरूप बाल संसद विद्यालय में कार्य कर रहा है। छात्र संसद को अपने छात्र धर्म का पालन करते मिले दायित्व का बोध करके कार्य को सफलता मिलें। लोकतंत्र के स्तम्भों का ज्ञान शिक्षण जीवन से मिलना व्यक्ति निर्माण में सार्थक भूमिका निर्वाहन करेंगा। विद्यालय के वन्दना सभा में गुरूवार को छात्र संसद व कन्या भारती के शपथ ग्रहण का आयोजन किया गया, जिसका गठन विद्यार्थियों के माध्यम से सम्पन्न हुआ था। शपथ ग्रहण समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं उपसम्पादक दिनेश दूूबे ने छात्र संसद के प्रधानमंत्री व मंत्रिमण्डल तथा प्रभारी प्रधानाचार्य सभाजीत वर्मा ने सभी चयनित सांसदों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। प्रतिवर्ष नये ढ़ंग से गठित होने वाली कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाओं की छात्र संसद के इस सत्र के लिए प्रधानमंत्री आदित्य शुक्ला, उप प्रधानमंत्री नमन सिंह और ऋतम पाण्डेय, सेनापति शीतला विश्वकर्मा, उप सेनापति आयुष पाण्डेय, नेता प्रतिपक्ष पीयूष यादव, न्यायाधीश वृषभ भानु सिंह, उप न्यायाधीश ऋषभ तिवारी बालिका वर्ग के लिए प्रधानमंत्री मानसी पाण्डेय, उप प्रधानमंत्री जान्हवी वर्मा और अंकिता सिंह, सेनापति इसिता सिंह उप सेनापति शिवांगी सिंह, नेता प्रतिपक्ष शिवांशी द्विवेदी, न्यायाधीश प्रज्ञा मिश्रा, उप न्यायाधीश शैलजा पाण्डेय बनी है। इसके अलावा 21 मंत्री व 21 उपमंत्री बनाये गए है।
समारोह को सम्बोधित करते हुए दिनेश दूबे ने कहा कि लोकतंत्र के सभी स्तम्भों मूल धर्म लोक कल्याण है। विद्यालय में उसी के अनुरूप अनुशासन और पढ़ाई है। उन्होंने कहाकि सभी की रुचियां अनन्त है किसी को मीठा, खट्टा, कडुआ, खेलना और किसी को मोबाइल चलाना पसन्द है लेकिन सभी की सीमा तय है। छात्र अपनी सीमा को भली भॉंति समझ लें तो उन्हें अपेक्षित सफलता से कोई नहीं रोक सकता हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में दुनिया बहुत तेजी से बदल गयी। अभी हम डिजिटल बदलाव को सही से तैयार नही थे लेकिन कोरोना ने सब मोबाइल पर ला दिया। अब खासकर विद्यार्थियों के लिए यह संघर्षकाल है कि वह कितना दुरूपयोग करे या सदुपयोग करते है। विद्यार्थियों को इस द्वंद से बाहर होना होगा। विद्या भारती छात्र संसद के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षण के साथ-साथ दायित्व बोध व दायित्व निर्वाहन की सीख प्रदान कर रहा है। इससे विद्यार्थियों में अनुशासन, संस्कार और चारित्रिक निर्माण भी होता है। अतिथि सम्मान प्रभारी प्रधानाचार्य सभाजीत वर्मा एवं वरिष्ठ आचार्य द्वारिका नाथ पाण्डेय ने किया। संगीताचार्य ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी के नेतृत्व में छात्राओं ने गीत प्रस्तुत किया। संचालन वरिष्ठ आचार्य राज नारायण शर्मा ने किया तथा आभार ज्ञापन कन्या भारती की प्रधानमंत्री मानसी पाण्डेय ने किया।
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