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जानें पूरा मामला, ऑनर किलिंग के जुर्म में पति-पत्नी और दो भाइयों को फांसी की सजा
नए जिला जज पंकज अग्रवाल ने यहां पदभार संभालने के बाद गुरुवार को पहली सजा फांसी की सुनाई। उन्होंने प्रेमी युगल की दिनदहाड़े हत्या करने के जुर्म में मृतका के माता-पिता के अलावा दो सगे भाइयों को दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट का फैसला आने के बाद चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया। यह घटना वर्ष 2017 में वजीरगंज इलाके में हुई थी।
ग्राम उरैना निवासी पप्पू ने 14 मई 2017 को वजीरगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में वादी पप्पू ने कहा था कि 14 मई 2017 को उनका लड़का गोविंद उनके बहनोई के साथ बिसौली से सैदपुर गया था। जहां उनके लड़के गोविंद व बहनोई रवि को गांव का ही विजयपाल पुत्र रामभरोसे शादी करने के बहाने बुलाकर अपने घर ले गया। गोविंद व आशा पुत्री किशनपाल के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। आशा दो-तीन बार गोविंद के साथ बाहर भी गई थी।
पप्पू के मुताबिक इसी कारण उनके लड़के गोविंद को घर में ले गया और दिन में करीब 11 बजे विजयपाल व उसके भाई रामवीर पुत्र रामभरोसे और किशनलाल व उसकी पत्नी जलधारा ने कुल्हाड़ी व ईंट-पत्थर मारकर गोविंद व आशा की हत्या कर दी। इसके बाद गोविंद की लाश मुजरिमों के घर में और आशा की लाश दरवाजे पर डाल दी गई। जिसे गांव के तमाम लोगों ने देखा। रिपोर्ट में दो लोग अज्ञात लिखाए गए थे।
वजीरगंज पुलिस ने विवेचना के बाद चारो आरोपियों विजयपाल व रामवीर पुत्र रामभरोसे और किशनलाल व उसकी पत्नी जलधारा के खिलाऊ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार अग्रवाल ने पत्रावली का अवलोकन किया। साथ ही दोनों पक्षों की दलीलों सुना। वादी की तरफ से डीजीसी करनाल अनिल कुमार सिंह राठौर अपना पक्ष रखा। सभी पक्षों को सुनने के बाद गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार अग्रवाल ने मुजरिमों विजयपाल व उसके भाई रामवीर पुत्र रामभरोसे और किशनलाल व उसकी पत्नी जलधारा को फांसी की सजा सुनाई।
न्यूज़ क्रेडिट : amritvichar